टीचर होती एक परी
तुम्हारी कविता
टीचर होती एक परीसिखाती हमको चीज नईकभी सुनाती एक कविताकभी सुनाती एक कहानीकरे कभी जो हम शैतानीकान पकड़े, याद आए नानीअच्छे काम पर मिले शाबासी टीचर बनाती मुझे आत्मविश्वासीटीचर होती एक परीसिखाती हमको चीज नई-
मयूरी खंडेलवाल,मैडममैडम मेरी कितनी अच्छीहम बच्चों जैसी सच्चीखेल-खेल में हमें पढ़ातीढेरों अच्छी बात बतातीहम बच्चों जैसी प्यारी मैडमसबसे अच्छी न्यारी मैडम-
मो.आजम अंसारी, इंदौरजादूगर सरसर को कैसे याद पहाड़े?सर को कैसे याद गणित?यह सोचती है दीपालीयही सोचता है सुमितसर को याद पूरी भूगोलकैसे पता कि पृथ्वी गोल?मोटी किताबें वे पढ़ जाते?हम तो थोड़े में थक जातेतभी बोला यह गोपालजिसके बड़े-बड़े थे बालसर भी कभी तो कच्चे थे हम जैसे ही बच्चे थे पढ़-लिखकर सब हुआ कमालयूँ ही सीखे सभी सवालसचमुच के जादूगर हैंइसीलिए तो वो सर हैं -
प्रतीक सोलंकी