झारखंड में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का बजट पेश, पूंजी व्यय में 59 प्रतिशत की वृद्धि
रांची। झारखंड के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने गुरुवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल 1.01 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया। बजट में पूंजी व्यय में 59 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव है। पिछले वर्ष राज्य सरकार ने कुल 92,277 करोड रुपए का बजट पेश किया था।
वित्तमंत्री ने बताया कि आगामी वित्त वर्ष में वर्तमान वित्त वर्ष की तुलना में पूंजीगत व्यय में 59 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है और इस वर्ष कुल मिलाकर राज्य में 24,827 करोड़ 70 लाख रुपए का पूंजीगत व्यय किया जाएगा। बजट में राजकोषीय घाटा 2.81 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। वर्तमान वित्त वर्ष में संशोधित अनुमान के अनुसार कुल पूंजीगत व्यय 15,843 करोड 92 लाख रुपए रहने का अनुमान है। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सर्वाधिक 27 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है।
वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि विपक्ष लगातार यह सवाल उठाता था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को मकान के लिए पूरी राशि केंद्र सरकार देती है और राज्य सरकार इस क्षेत्र में कुछ नहीं करती इसी बात को ध्यान में रखते हुए आगामी वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकानों में एक कमरा राज्य सरकार की तरफ से जोड़ने के लिए प्रति मकान रुपए 50,000 अतिरिक्त राशि देने का निर्णय किया है। लगभग 1 लाख मकानों के लिए बजट में यह प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वर्तमान वित्त वर्ष में राज्य सरकार के सकल घरेलू उत्पाद में मात्र 4.7% की गिरावट दर्ज की गई है और आगामी वित्त वर्ष में राज्य जीडीपी वृद्धि दर 6.15% रहने का अनुमान है।
इससे पूर्व आज जैसे ही दिन में 11.00 बजे सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई मुख्य विपक्षी भाजपा के विधायकों ने अध्यक्ष के आसन के सामने आकर पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की और राज्य सरकार को पिछड़ा विरोधी बताया। विपक्ष के हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने एक घंटे के लिए स्थगित कर दी जिसके बाद वित्तमंत्री अपना बजट भाषण दोपहर 12:00 बजे विधानसभा का सत्र प्रारंभ होने पर ही पेश कर सके।
दोबारा सत्र प्रारंभ होने पर भी लगभग आधे घंटे तक भाजपा विधायकों ने पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर अध्यक्ष के आसन के समक्ष अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा लेकिन बाद में बजट भाषण प्रारंभ होने पर सभी अपने सीट पर चले गए जिसके बाद वित्तमंत्री का भाषण हो सका।