गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. जय श्री हनुमान
  4. Narak Chaturdashi Hanuman Janmotsav
Written By

नरक चतुर्दशी : वर्ष में 2 बार क्यों मनाया जाता है 'हनुमान जन्मोत्सव'

नरक चतुर्दशी : वर्ष में दो बार क्यों मनाया जाता है 'हनुमान जन्मोत्सव' - Narak Chaturdashi Hanuman Janmotsav
हनुमान जन्मोत्सव वर्ष में 2 बार मनाया जाता है। पहला हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा को, दूसरा कार्तिक कृष्‍ण चतुर्दशी अर्थात नरक चतुर्दशी को। इसके अलावा तमिलनाडु और केरल में हनुमान जन्मोत्सव मार्गशीर्ष माह की अमावस्या को तथा ओडिशा में वैशाख महीने के पहले दिन मनाया जाता है। 
 
 
1. कहते हैं कि चैत्र पूर्णिमा को मेष लग्न, चित्रा नक्षत्र में मंगलवार के दिन प्रातः 6 बजकर 03 मिनट पर हनुमानजी का जन्म एक गुफा में हुआ था।
 
2. एक अन्य मान्यता अनुसार हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था।
 
3. मान्यता के अनुसार एक तिथि को जन्म दिवस के रूप में, जबकि दूसरी तिथि को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
Hanuman Chalisa
4. चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि की मान्यता अनुसार उनका जन्म हुआ था। दूसरी तिथि के अनुसार इस दिन हनुमानजी सूर्य को फल समझकर खाने के लिए दौड़े थे, उसी दिन राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया हुआ था लेकिन हनुमानजी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया था। 
 
5. एक अन्य मान्यता के अनुसार माता सीता ने हनुमानजी की भक्ति और समर्पण को देखकर उनको अमरता का वरदान दिया था। यह दिन नरक चतुर्दशी का दिन था।
 
6. हालांकि अधिकतर जगहों पर हनुमानजी का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन होने की ही मान्यता है। हनुमानजी की माता का नाम अंजनी और पिता का नाम केसरी था। उन्हें पवनपुत्र और शंकरसुवन भी कहा जाता है। वे भगवान शिवजी के सभी रुद्रावतारों में सबसे बलवान और बुद्धिमान माने जाते हैं।
ये भी पढ़ें
प्रभु श्री राम के अयोध्या लौटने पर इस तरह हुआ था भव्य स्वागत, नंदीग्राम से निकली सवारी, नगर में मनी दिवाली