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बजरंग बली को इसलिए कहते हैं सिंदूरी

बजरंग बली को इसलिए कहते हैं सिंदूरी - hanuman janmotsav 2022
भगवान शिव के 11वें रुद्रावतार हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिए हुआ था। हनुमान जयंती के शुभ दिन पर उनकी पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति का वास होता है।
 
ज्योतिषियों की गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म एक करोड़ 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन हुआ था। हनुमान जी की साधना सरल है। हनुमान जी की पूजा करते समय हमें मन और तन से पवित्र होना चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा में वह चमत्कारी शक्ति है जो हमारे सभी दुखों को हर लेती है। हनुमान चालीसा में हनुमान जी के पराक्रम की विशेषताएं बताई गईं हैं।  
 
इसलिए कहते हैं बजरंग बली को सिंदूरी
 
एक बार हनुमान जी ने माता सीता को मांग में सिंदूर भरते हुए देखा। उन्होंने माता सीता से इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि वह प्रभु श्रीराम को प्रसन्न रखने के लिए सिंदूर लगाती हैं। यह सुनकर हनुमान जी ने सारा सिंदूर स्वयं के ऊपर उड़ेल लिया। जब श्री राम ने उनको इस तरह देखा तो हनुमान जी ने कहा कि प्रभु मैंने आपकी प्रसन्नता के लिए ये किया है।
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