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Last Updated : मंगलवार, 17 सितम्बर 2024 (21:46 IST)

10 साल बाद जम्मू कश्मीर में चुनाव, रोचक तथ्य जानकर हो जाएंगे हैरान

10 साल बाद जम्मू कश्मीर में चुनाव, रोचक तथ्य जानकर हो जाएंगे हैरान - Elections in Jammu and Kashmir after 10 years
Jammu Kashmir Assembly Elections 2024: 10 सालों के बाद कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा चुनावों (Jammu Kashmir Assembly Elections) के पहले चरण के मतदान के कई रोचक पहलू भी हैं। सबसे बड़ा पहलू यह है कि पहले चरण में कुल 219 उम्मीदवारों में से केवल 9 महिलाएं हैं तो डोडा, भद्रवाह और अनंतनाग पश्चिम जैसे प्रमुख निर्वाचन इलाकों में उम्मीदवारों ने बड़ी संख्या में नाम वापस लिए हैं।
 
डोडा में सबसे ज्यादा 7 उम्मीदवार बाहर हुए हैं जबकि 219 उम्मीदवारों में से 42 परसेंट आजाद उम्मीदवार भी हैं जबकि मुख्य मुकाबला नेकां और पीडीपी के बीच ही है। पहले चरण में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के 21 उम्मीदवार (10 फीसदी) हैं जबकि जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस 18 सीटों (8 फीसदी) पर चुनाव लड़ रही है।

 
भारतीय जनता पार्टी 16 सीटों (7 फीसदी) के लिए चुनाव लड़ रही है और कांग्रेस के 9 उम्मीदवार (4 फीसदी) हैं। संख्या के मामले में 42 परसेंट निर्दलीय उम्मीदवार इस दौड़ में हावी हैं। सबसे ज्यादा उम्मीदवार पंपोर विधानसभा सीट से मैदान में हैं जिनकी संख्या 14 हैं। उसके बाद शांगस और अनंतनाग में 13-13 उम्मीदवार अपनी सियासी किस्मत आजमा रहे हैं।
 
विधानसभा चुनाव के पहले चरण में प्रमुख सीटों पर जाने-माने राजनीतिक हस्तियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। पंपोर में, नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी का मुकाबला पीडीपी के जहूर अहमद मीर से होगा जिन्होंने 2008 और 2014 में जीत हासिल की थी। अनंतनाग से पूर्व सांसद मसूदी मीर को हराने की कोशिश कर रहे हैं।

 
यही नहीं कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस 4 निर्वाचन क्षेत्रों में दोस्ताना मुकाबला कर रहे हैं। बनिहाल में विकार रसूल वानी (कांग्रेस) और सज्जाद शाहीन (नेशनल कॉन्फ्रेंस) दोनों ही चुनाव लड़ रहे हैं। भद्रवाह में, नेकां के शेख महबूब इकबाल और कांग्रेस पार्टी के नदीम शरीफ सियासी मैदान में हैं। देवसर में पीरजादा फिरोज अहमद (नेकां) और अमन उल्लाह मंटू (कांग्रेस) चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह से शेख रियाज अहमद (कांग्रेस) और खालिद नजीब सुहरवर्दी (नेकां) डोडा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
 
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि पहला चरण जम्मू कश्मीर में पूरे चुनाव की दिशा तय करेगा। सिर्फ इस चरण में 23 लाख से ज्यादा मतदाता हैं जिनमें 1.23 लाख युवा मतदाता (18 से 19 साल) शामिल हैं, इसलिए राजनीतिक दल समर्थन हासिल करने के लिए कोशिश तेज कर रहे हैं।
 
16 कश्मीर में और 8 जम्मू संभाग में : जम्मू कश्मीर में दस साल में पहली बार विधानसभा चुनाव के लिए मंच तैयार है, बुधवार (18 सितंबर) को पहले चरण का मतदान होना है। पहले चरण में चिनाब घाटी के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जिलों में फैली चौबीस विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। इन सीटों पर चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है, राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवार अधिक से अधिक मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए हर गली-मोहल्ले में प्रचार कर रहे हैं।
 
7 जिलों में होने वाले मतदान के लिए कुल 3276 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 302 शहरी मतदान केंद्र और 2974 ग्रामीण मतदान केंद्र शामिल हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी सहित 4 चुनाव कर्मचारी तैनात रहेंगे। कुल मिलाकर पहले चरण के चुनाव के लिए 14,000 से अधिक मतदान कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात किए जाएंगे।

 
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 23,27,580 मतदाता मतदान के पात्र हैं जिनमें 11,76,462 पुरुष मतदाता, 11,51,058 महिला मतदाता और 60 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। 18-19 वर्ष की आयु के बीच के 1.23 लाख युवा, 28,309 दिव्यांग  और 85 वर्ष से अधिक आयु के 15,774 बुजुर्ग मतदाता भी पहले चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं।
 
मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा और उससे पहले मतदान केंद्रों में मतदान एजेंटों की मौजूदगी में माक पोल होगा। साथ ही, अगर मतदान केंद्र परिसर में मतदाताओं की कतार अभी भी अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मौजूद है, तो शाम 6 बजे के बाद भी मतदान जारी रहेगा।
 
हर मतदान केंद्र पर पीने का पानी, बिजली, शौचालय, रैंप, फर्नीचर, बरामदा/शेड जैसी सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं (एएमएफ) उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा जरूरतमंदों को व्हीलचेयर भी उपलब्ध कराई जाएंगी। बैलेट यूनिट में ब्रेल लिपि में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की सूची भी होगी। जहां भी जरूरत होगी, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग कतारें होंगी ताकि उन्हें जल्दी मतदान करने में सुविधा हो। इसके अलावा, संबंधित बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) द्वारा संचालित एक मतदाता सहायता डेस्क भी होगी, जो जरूरत पड़ने पर आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।
 
महिलाओं द्वारा प्रबंधित 24 मतदान केंद्र होंगे जिन्हें पिंक मतदान केंद्र के रूप में जाना जाता है, 24 मतदान केंद्र दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा संचालित होंगे और 24 मतदान केंद्र युवाओं द्वारा संचालित होंगे। साथ ही, पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बारे में संदेश फैलाने के लिए 24 ग्रीन मतदान केंद्र और 17 अनूठे मतदान केंद्र होंगे। इन विशेष मतदान केंद्रों के पीछे का उद्देश्य महिलाओं, दिव्यांगों, पहली बार मतदान करने वाले युवा मतदाताओं जैसे समाज के वर्गों के बीच जागरूकता फैलाना है ताकि वे आगे आएं और अपने मताधिकार का प्रयोग करें। जम्मू कश्मीर में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
 
Edited by: Ravindra Gupta
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