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प्रार्थना
पत्थर-सा दिल मेरा प्रभुवर कोमल फूल बना दो ।सूने मेरे मन-मंदिर में स्नेह के दीप जला दो ।तुम बिन मेरे जीवन का यह उपवन सूख न जाए ।करुणा-नीर बहाओ प्रभुजी दिल ना कभी मुरझाए ।दुनिया के दरिये में मेरी डूबे जीवन नौका ।आँधी-तूफान ने घेरा मुझको आए हवा का झोंका ।सच्चे मन से तुमको पुकारूँ नैया पार लगाना ।प्रसन्नता से जीवन बीते ऐसी राह बताना ।दर्शन तेरे पाऊँ स्वामी वैसी दृष्टि देना !स्नेह के रिश्ते सबसे रचाऊँ ऐसी सृष्टि देना !सुख आए या दुःख आए मैं तुमको कभी ना भूलूँ !माया में ना झूलूँ और मैं तुम बिन कुछ ना कबूलूँ !