जैन समुदाय को अल्पसंख्यक दर्जा, मिलेंगी यह सुविधाएं
जैन समुदाय को अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त हो गया, इसके लाभ हैं...
1)
जैन धर्म की सुरक्षा होगी। 2)
जैन धर्म की नैतिक शिक्षा पढ़ाई कराने का जैन स्कूलों को अधिकार। 3)
कम ब्याज पर लोन, व्यवसाय व शिक्षा तकनीकी हेतु उपलब्ध होंगे। 4)
जैन कॉलेजों में जैन बच्चों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षित सीट होगी। 5)
जैन समुदाय में अल्पसंख्यक घोषित होने से सविधान के अनुच्छेद 25 से 30 के अनुसार जैन समुदाय धर्म, भाषा, संस्कृति की रक्षा सविधान में उपलब्धों के अंतर्गत हो सकेगी।
6)
जैन धर्मावलंबियों के धार्मिक स्थल, संस्थाओं, मंदिरों, तीर्थ, क्षेत्रों एव ट्रस्ट का सरकारीकरण या अधिग्रहण आदि नही किया जा सकेगा अपितु धार्मिक स्थलों का समुचित विकास एव सुरक्षा के व्यापक प्रबंध शासन द्वारा भी किए जाएंगे। 7)
उपासना स्थल से संबंधित सेक्शन 2 (सी) ऑफ नेशनल कमीशन फॉर माइनोरिटीज (एनसीएम) एक्ट (एनसीएम) 1992 के तहत किसी धार्मिक उपासना स्थल को बनाए रखने हेतु स्पष्ट निर्देश जिसका उल्लंघन धारा 6 (3) के अधीन दंडनीय अपराध है। 8)
पुराने स्थलों एव पुरातन धरोहर को सुरक्षित रखना सन् 1958 के अधिनियम धारा 19 एव 20 के तहत सुरक्षित हो। 9)
समुदाय द्वारा संचालित ट्रस्टों की सम्पति को किराया नियंत्रण अधिनियम से भी मुक्त रखा जाएगा। 10)
जैन धर्मावलम्बी अपनी प्राचीन संस्कृति पुरातत्व एव धर्मस्थलों का सरक्षण कर सकेंगे।