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Last Modified: ह्यूस्टन , मंगलवार, 22 सितम्बर 2015 (15:05 IST)

बनाई थी घड़ी, समझ लिया बम, बना गूगल का मेहमान

बनाई थी घड़ी, समझ लिया बम, बना गूगल का मेहमान - Google Science Fair,
ह्यूस्टन। अमेरिका के कैलिफोर्निया में चल रहे पांचवें वार्षिक गूगल विज्ञान मेले में आए लोग उस वक्त आश्चर्य में पड़ गए जब उन्होंने 14 वर्षीय अहमद मोहम्मद को देखा। इस मुस्लिम स्कूली लड़के ने घर में एक घड़ी बनाई थी जिसे गलती से बम समझ लिया गया और इसके बाद पिछले हफ्ते उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
टेक्सास के इरविन में रहने वाले सूडानी मूल के अहमद को मशीनों से खेलने का शौक है। उसने कभी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया, लेकिन उसने सबका ध्यान खींचा। मेले में अंतिम दौर में पहुंचे युवा वैज्ञानिकों ने कल अपनी परियोजनाएं दिखाईं।
 
अहमद अंतिम दौर में पहुंचे प्रतिभागियों के बूथों पर गए, उनके चेहरे तब चमक उठे जब उन्होंने अहमद को पहचाना। माउंटेन व्यू स्थित गूगल के मुख्यालय में चल रहे विज्ञान मेले में आए स्थानीय छात्रों से भी अहमद ने बातचीत की।
 
एक छात्र ने कहा ‍कि हमें आपके बारे में स्कूल में पता चला था। गूगल हर साल विज्ञान मेले का आयोजन करता है। इसका मकसद लोगों में वैज्ञानिक जिज्ञासा की खोज करना और इसके लिए उन्हें प्रेरित करना होता है। इस वर्ष की इसकी थीम है ‘दुनिया को बदलने की अब आपकी बारी है।’ 
 
नौवीं कक्षा का छात्र अहमद अपना डिजिटल क्लॉक लेकर आया था जो उसने अपने शिक्षक को दिखाने के लिए एक पेंसिल के डिब्बे से बनाया था। शिक्षक ने गलती से इस घड़ी को बम समझ लिया और कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने अहमद को हथकड़ी लगा दी।
 
इस घटना से देश भर में असंतोष की एक लहर उठी जिसके बाद इस किशोर को राष्ट्रपति ओबामा, डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की मुख्य दावेदार हिलेरी क्लिंटन और फेसबुक के सह संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का समर्थन मिला। (भाषा)