आपके स्मार्टफोन पर अब नहीं होगा Cyber Attack, Software Crash का पता चला
साइबर सुरक्षा जांचकर्ताओं ने एक ऐसे सॉफ्टवेयर क्रैश का पता लगाया है जो सरकार, राजनीति, तकनीक और पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले कुछ लोगों के स्मार्टफोन को प्रभावित कर रहा था। सॉफ्टवेयर क्रैश का मतलब है जब कोई प्रोग्राम या ऐप काम करना बंद कर देता है या कोई त्रुटिपूर्ण संदेश दिखाता है।
यह सॉफ्टवेयर क्रैश पिछले साल के अंत में शुरू हुआ था और 2025 तक चलता रहा। यह एक साइबर हमले की ओर इशारा करता है। इससे साइबर अपराधियों को उपयोगकर्ता के एक भी क्लिक के बिना फोन में हस्तक्षेप करने की अनुमति मिल सकती है।
साइबर हमलावरों ने अपनी पहचान के बारे में कोई सुराग नहीं छोड़ा, लेकिन साइबर सुरक्षा फर्म आईवेरिफाई के जांचकर्ताओं ने पाया कि सभी पीड़ितों में कुछ समानता थी और वे चीन सरकार के हित वाले क्षेत्रों में काम करते थे और अतीत में चीनी साइबर अपराधियों द्वारा निशाना बनाए गए थे।
विदेशी साइबर अपराधी तेजी से स्मार्टफोन, अन्य मोबाइल उपकरण और उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले ऐप को अमेरिकी साइबर सुरक्षा में कमजोर कड़ी के रूप में पहचान रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे पता चलता है कि मोबाइल उपकरण और ऐप कितने असुरक्षित हैं और सुरक्षा संबंधी विफलताओं के कारण संवेदनशील जानकारी उजागर हो सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एवं गूगल के पूर्व साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और अब आईवेरिफाई के मुख्य परिचालन अधिकारी रॉकी कोल ने कहा कि इस समय दुनिया में मोबाइल सुरक्षा को लेकर खतरा है। Edited by: Sudhir Sharma