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Last Updated : गुरुवार, 31 अक्टूबर 2019 (14:46 IST)

13 लाख भारतीयों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड्‍स में लगी सेंध, ऑनलाइन बिक रही है जानकारी

13 लाख भारतीयों के क्रेडिट-डेबिट कार्ड्‍स में लगी सेंध, ऑनलाइन बिक रही है जानकारी - 13 lakh indian debit credit card details hacked being sold for rs 920 crore online biggest ever heist
इंटरनेट की अंधेरी दुनिया कहे जाने वाले डार्क वेब पर देश के लगभग 13 लाख से ज्यादा डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डेटा लीक हो गया है। यह डेटा ऑनलाइन बेचा जा रहा है। जेडडी नेट के मुताबिक इन पेमेंट कार्ड्स का डेटा जोकर्स स्टैश पर मिल रहा है।
 
इससे साइबर अपराधी 130 मिलियन डॉलर यानी करीब 920 करोड़ रुपए तक का नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्रत्येक कार्ड का डेटा 100 डॉलर यानी करीब 7 हजार रुपए में बेचा जा रहा है। सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने इसे हाल के वर्षों में सबसे बड़े कार्ड डंप (कार्ड डिटेल चोरी) में से एक करार दिया है।
 
क्या होता है डीप या डार्क वेब? : गूगल या किसी अन्य ब्राउजर में हम जब भी कुछ सर्च करते हैं, तो तुरंत ही लाखों रिजल्ट सामने आ जाते हैं। हालांकि यह पूरे इंटरनेट का सिर्फ 4 प्रतिशत हिस्सा है, जो 96 प्रतिशत सर्च रिजल्ट में नहीं दिखता है, उसे डीप वेब कहा जाता है। इसमें बैंक अकाउंट डिटेल, कंपनियों का डेटा और रिसर्च पेपर जैसी जानकारियां होती हैं।
 
डीप वेब का एक्सेस उसी शख्स को मिलता है जिसका उससे सरोकार होता है। जैसे आपके बैंक अकाउंट के डिटेल या ब्लॉग के ड्राफ्ट को सिर्फ आप देख पाते हैं। ये चीजें ब्राउजर की सर्च में नहीं दिखतीं। डीप वेब का एक बड़ा हिस्सा कानूनी है और इसका उद्देश्य यूजर के हितों की हिफाजत करना है।

इसी का एक छोटा हिस्सा डार्क वेब है, जो साइबर अपराधियों की पनाहगार है। इसमें ड्रग, मानव तस्करी, अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त के साथ डेबिट/क्रेडिट कार्ड जैसी संवेदनशील जानकारियां बेचने जैसे काम यहां होते हैं।
 
कैसे बचें? : डार्क वेब से बचने का सबसे आसान तरीका है कि इससे दूर रहें। अगर कोई आम इंटरनेट यूजर गलती से डार्क वेब की दुनिया में चला जाता तो समझिए आप ऐसी जगह पहुंच गए, जहां हर समय हैकर घूमते रहते हैं, जो हमेशा नए शिकार की तलाश में रहते हैं। एक गलत क्लिक से आपकी बैंक की जानकारी, सोशल मीडिया के साथ निजी फोटो और वीडियो इनके हाथ लग सकते हैं।
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