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Written By अरुंधती आमड़ेकर

ट्वि‍टर यूजर्स ने कराया वर्ल्‍ड टूर

ट्वि‍टर यूजर्स ने कराया वर्ल्‍ड टूर -
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दुनि‍या घूमने का सपना भला कौन नहीं देखता होगा। लेकि‍न चंद लोग ही होते हैं जो अपना ये सपना पूरा कर पाते हैं और उनमें से भी कुछ लोग ही होते हैं जो अपना ये सपना कुछ अलग अंदाज में पूरा करते हैं। ऐसे ही एक शख्‍स हैं इंग्‍लैंड के गेट्सहैड शहर में रहने वाले पॉल स्‍मि‍थ। आपको शायद यकीन ना हो लेकि‍न ये सच है कि‍ पॉल स्‍मि‍थ को ट्वि‍टर के यूजर्स ने दुनि‍या की सैर कराई है।

पेशे से फ्रीलांस जर्नलि‍स्‍ट पॉल स्‍मि‍थ 1 मार्च 2009 को ये तय करके अपने घर गेट्सहैड से नि‍कले कि‍ वो 30 दि‍नों के अंदर दुनि‍या की सैर करके लौटेंगे वो भी अपने ट्वि‍टर फॉलोअर्स की मदद से। ये जानना बहुत ही दि‍लचस्‍प होगा कि‍ ट्वि‍टर ने कैसे पॉल की दूनि‍या घूमने में मदद की वो भी बि‍ल्‍कुल मुफ्त में।

पॉल ने ट्वि‍टर पर 80 लाख यूजर्स को चुना और इन 80 लाख लोगों ने पॉल के इस वर्ल्‍ड टूर को आसान बनाया। वैसे उनका उद्देश्‍य कैंपबेल आयलैंड और न्‍यूजीलैंड का तटीय भाग जो धरती का दूसरा भाग है घूमना था। पॉल ने केवल ट्वि‍टर के रजि‍स्‍टर्ड यूजर्स की ओर से मि‍लने वाले अपने रहने और यात्रा की व्‍यवस्‍था करने के प्रस्‍तावों को स्‍वीकार कि‍या था। वो सि‍र्फ अपने खाने-पीने का खर्च स्‍वयं उठाते थे।

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इस सैर के दौरान उन्‍होंने अपने लि‍ए एक नि‍यम बनाया था कि‍ अगर वे 48 घंटे के अंदर अपना स्‍थान नहीं बदल पाए तो वे आगे नहीं जाएँगे और घर वापस लौट जाएँगे। इस यात्रा के पीछे उनका मकसद चेरि‍टी के लि‍ए पैसा इकट्ठा करना था। यात्रा के दौरान पॉल को हुए अनुभव भी अनूठे हैं।

पॉल के अनुसार 'शुरू में मुझे भी ट्वि‍टर के जरि‍ए दुनि‍या की सैर का आइडि‍या बेवकूफाना लगा था लेकि‍न जब मैंने इसमें होने वाले खर्च का हि‍साब लगाया तो मुझे ये मुश्कि‍ल लगा और मैंने अपने ट्वि‍टर फॉलोअर्स की मदद लेने की सोची जो पूरी दुनि‍या में फैले थे।'

उन्‍होंने एक इंटरव्यू में बताया कि‍ यात्रा के दौरान लोगों ने मेरे साथ जो दोस्‍ताना व्‍यवहार कि‍या उससे में अभि‍भूत हूँ और इस यात्रा से मानवीयता पर मेरा वि‍श्वास और मजबूत हो गया है। यूएस में रहने वाले एक दम्‍पति‍ ने जि‍नका घर आग में जल गया था और वे खुद एक अस्‍थाई आवास में रह रहे थे। उनके पास सि‍र्फ एक कि‍राए का सोफा था जो उन्‍होंने मुझे सोने के लि‍ए दि‍या ताकि‍ मुझे सड़क पर ना सोना पड़ा।

पॉल बताते हैं कि‍ यात्रा के अंत में उन्‍हें यह चिंता सता रही थी कि‍ वे वापस गेट्सहैड कैसे जाएँगे। शायद उन्‍हें तैरकर वापस यूके जाना पड़ता अगर एयर न्‍यूजीलैंड ट्वि‍टर पर ना होती। लेकि‍न भगवान का शुक्र है कि‍ एयर न्‍यूजीलैंड भी ट्वि‍टर की यूजर थी और उसने पॉल को वापस उसके घर पहुँचाया। तो इस तरह पूरा हुआ पॉल का सफर बहुत ही अलहदा और रोचक अंदाज में।