भारत के नये तेज गेंदबाजी सनसनी मयंक यादव को गति रोमांचित करती है और वह बचपन से जेट विमान, रॉकेट और सुपर बाइक की गति की कल्पना कर उत्साहित होते रहे हैं।
दिल्ली के इस 21 साल के गेंदबाज ने शनिवार को लगातार 150 किलोमीटर से अधिक रफ्तार की गेंद फेंक कर पंजाब किंग्स के बल्लेबाजों को परेशान किया। उन्होंने जॉनी बेयरस्टो, प्रभसिमरन सिंह और जितेश शर्मा जैसे अनुभवी बल्लेबाजों का विकेट झटक कर अपने आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) पदार्पण को यादगार बनाया।
अपने चार ओवर में 27 रन देकर तीन विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने पंजाब की पारी के 12वें ओवर में 155.8 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद डाली, जो मौजूदा आईपीएल सत्र का सबसे तेज गेंद है।
मयंक ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, क्रिकेट के अलावा सामान्य जीवन में भी मुझे ऐसी चीजें पसंद हैं जिनकी गति अधिक हो। चाहे वह रॉकेट हो, हवाई जहाज हो या सुपर बाइक, गति मुझे उत्साहित करती है। बचपन में मुझे जेट विमान पसंद थे और उनसे प्रेरणा मिलती थी।
पंजाबी बाग के इस गेंदबाज ने कहा, मैंने इससे पहले कभी भी 156 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद नहीं फेंकी। मैंने मुश्ताक अली (घरेलू टी20 ट्रॉफी) के दौरान 155 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की है लेकिन यह मेरी सबसे तेज गेंद थी।
मयंक को लखनऊ की टीम ने आईपीएल 2022 से पहले चुना था। उन्होंने तब सिर्फ दो लिस्ट ए मैच खेले थे। वह 2022 सत्र में आईपीएल का एक भी मैच नहीं खेल सके थे और पिछले साल मांसपेशियों में खिंचाव के कारण वह पूरे सत्र से बाहर थे।
उन्होंने चोट से उबरने के बाद 50 ओवर प्रारूप में खेले जाने वाले देवधर ट्रॉफी में उत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए अनुभवी राहुल त्रिपाठी का मिडिल स्टंप उखाड़ दिया था।
उन्होंने कहा, “चोट तेज गेंदबाजों के जीवन का हिस्सा हैं, वे आपके दोस्त हैं। पिछले एक-डेढ़ साल में मुझे दो-तीन बड़ी चोटें लगीं। यह मेरे लिए थोड़ा निराशाजनक भी था।
इस युवा गेंदबाज ने कहा, पिछले सत्र में भी मैं चोट के कारण आईपीएल में नहीं खेल पाया था। मुझे पसलियों में फ्रैक्चर के साथ साइड स्ट्रेन की चोट थी। यह चोट मुझे विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान लगी थी। मेरा प्रयास है कि मैं अभ्यास और शारीरिक रूप से रिकवरी और खुद पर अधिक ध्यान दूं।
मयंक दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन से काफी प्रेरित है।उन्होंने कहा, मैं केवल एक ही तेज गेंदबाज से प्रेरणा लेता हूं और वह डेल स्टेन हैं। वह मेरे आदर्श हैं और मैं उन्हें बहुत मानता हूं।
उन्होंने कहा कि अपने पदार्पण मैच के दौरान उन्हें कोई दबाव या घबराहट महसूस नहीं हुई।मयंक ने कहा, मेरे डेब्यू को लेकर काफी उत्साह था। पिछले दो साल से मैं सिर्फ एक ही चीज की कल्पना कर रहा हूं कि जब मैं डेब्यू करूंगा तो पहली गेंद फेंकने पर मुझे कैसा महसूस होगा। हर किसी ने कहा कि कुछ तो होगा दबाव या घबराहट लेकिन मुझे यह बिल्कुल महसूस नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, जब मेरे कप्तान ने मुझे पहला ओवर फेंकने के लिए कहा तो मुझे अपने अंदर महसूस हुआ कि मैं यहीं का हूं और काफी आत्मविश्वास था।
(भाषा)