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Last Updated : शनिवार, 16 अक्टूबर 2021 (15:14 IST)

11 विकेट चटकाने और 183 रन बनाने वाले ऑलराउंडर को ना खिलाना कोलकाता को पड़ा भारी

11 विकेट चटकाने और 183 रन बनाने वाले ऑलराउंडर को ना खिलाना कोलकाता को पड़ा भारी - Dopping Andre Russell from Final playing XI costed a big time for Kolkata
दुबई: कोलकाता नाइट राइडर्स केकेआर) के मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम ने माना कि उनकी टीम को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की एक बहुत शानदार टीम ने हराया और उन्होंने इस खराब प्रदर्शन का जिम्मेदार मध्यक्रम के बल्लेबाजों की नाकामी को ठहराया।

मैकुलम ने यह भी कहा कि विस्फोटक बल्लेबाज आंद्रे रसेल मांसपेशियों में खिंचाव से उबर कर मैच-फिट होने के लिए कड़ी मेहनत करने के बावजूद अंतिम एकादश में जगह नहीं बना सके क्योंकि मैच के दौरान उनके फिर से चोटिल होने का जोखिम था।

क्वालिफायर 2 में दिल्ली के खिलाफ 136 रन के आसान लक्ष्य का पीछा करते हुए कोलकाता ने 3.5 ओवर में 7 रन के भीतर 6 विकेट गंवा दिये थे। राहुल त्रिपाठी ने आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर छक्का लगाकर जैसे तैसे टीम को जीत दिलाई थी।

विकटों के इस पतझड़ के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि बांग्लादेश के शाकिब अल हसन की जगह वेस्टइंडीज के आंद्रे रसेल को फाइनल में शामिल किया जाएगा ताकि निचले मध्यक्रम में थोड़ी मजबूती आ सके लेकिन कप्तान ने शाकिब के साथ ही टीम को फाइनल में भेजा।

एक ऑलराउंडर की हैसियत से आंद्रे रसेल IPL 2021 के10 मैचों में कुल 183 रन बना चुके थे और 11 विकेट चटका चुके हैं।उनका बल्ले से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 54 रन भी चेन्नई के खिलाफ ही आया था। इसके बावजूद उनको टीम में मौका नहीं मिला।

कल भी कोलकाता का बल्लेबाजी क्रम बिखर गया। 91 से 0 विकेट पर कोलकाता ने 34 रनों में 8 विकेट गंवा दिए। रसेल की जगह खेले शाकिब खाता भी नहीं खोल पाए। अगर रसेल कल के मैच में होते तो शायद मैच की सूरत कुछ और होती।

मैकुलम ने फाइनल में रसेल की गैरमौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ टूर्नामेंट के दूसरे चरण की शुरुआत में ही आंद्रे की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया था। उन्होंने खुद को चयन के लिए उपलब्ध कराने की कोशिश के तहत अविश्वसनीय रूप से कड़ी मेहनत की। उन पर हालांकि फिर से चोटिल होने का खतरा था, यह एक जोखिम की तरह था। फाइनल को लेकर मुझे लगा कि जोखिम नहीं उठाना चाहिये।’’‘‘यह निराशाजनक है कि हम जीतने में नाकाम रहे, लेकिन हम सीएसके की एक बेहतरीन टीम से हारे।"

जीत के लिए 193 रन का पीछा करते हुए शुभमन गिल (51 रन) और वेंकटेश अय्यर (50 रन) ने पहले विकेट के लिये 91 रन जोड़कर केकेआर को ठोस शुरुआत दिलाई लेकिन इसके बाद उसने 34 रन के अंदर आठ विकेट गंवा दिये। दोनों सलामी बल्लेबाजों के अलावा निचले क्रम में शिवम मावी (20 रन) और लॉकी फर्गुसन (नाबाद 18) ही दोहरे अंक में पहुंचे जिससे हार का अंतर ही कम हुआ।

मैकुलन से जब मध्यक्रम की नाकामी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ हाँ, मुझे लगता है, यह एक उचित मूल्यांकन है। हमारे गेंदबाजी समूह ने वास्तव में अच्छा काम किया, हमने अच्छा क्षेत्ररक्षण किया और हमारी शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी शानदार थी, लेकिन दुर्भाग्य से मध्यक्रम प्रभावित करने में नाकाम रहा। मध्यक्रम में काफी अनुभव है लेकिन कई बार ऐसा हो सकता है।’’

कोच ने कहा, ‘‘ मैं अपने खिलाड़ियों और उनके प्रयासों के लिए वास्तव में गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हमारी कहानी शानदार रही, टूर्नामेंट के मध्य में हम बाहर होने (खिताब की दौड़ से) के कगार पर थे ।’’

इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने लय में चल रहे वेंकटेश अय्यर की भी तारीफ की, जिन्होंने टीम के फाइनल में पहुंचने में अहम भूमिका निभाई थी।

कोलकाता की टीम आईपीएल के भारतीय चरण के बाद तालिका में सातवें पायदान पर थी लेकिन यूएई में उसने शानदार प्रदर्शन कर फाइनल तक कर सफर तय किया। अय्यर ने इस दौरान 10 मैचों में 370 रन बनाये।

न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘ इस खेल में उसका बहुत शानदार भविष्य है और वह बहुत समझदार खिलाड़ी है। इस सत्र में हमारी वापसी में उसका बड़ा योगदान रहा।’’

मैकुलम ने कहा कि अय्यर की ‘कहानी अविश्वसनीय’ रही है क्योंकि आईपीएल के भारतीय चरण में वह टीम के लिए अपना आखिरी मैच खेलने वाले थे लेकिन फिर सत्र के निलंबित होने से उन्हें अपने खेल पर ध्यान देने का मौका मिला।

उन्होंने कहा, ‘‘ वेंकटेश अय्यर की कहानी काफी अविश्वसनीय रही है। पीछे मुड़कर देखें तो जब हम भारत में थे तो वह वास्तव में आखिरी मैच खेलने वाला था। इस बीच मिला ब्रेक उसके लिए अच्छा रहा। इस दौरान उसे अपने खेल को परखने का मौका मिला।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ उन्हें (अय्यर) कई बार अपने तरीकों को बदलने के लिए भी चुनौती दी जाएगी। जरूरी नहीं कि वह अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के कारण लय बनाये रखे। लेकिन मुझे उम्मीद है कि वह वही वेंकटेश अय्यर बने रहेंगे, जिसे हमने अब तक देखा है।’’
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