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Last Updated : सोमवार, 10 अगस्त 2020 (20:52 IST)

IPL में धोनी की सफल कप्तानी के राज खोले मुथैया मुरलीधरन ने

IPL में धोनी की सफल कप्तानी के राज खोले मुथैया मुरलीधरन ने - Muralitharan reveals the secrets of Dhoni's successful captaincy in IPL
नई दिल्ली। आईपीएल-13 (IPL-13) का आगाज इस बार यूएई में 19 सितम्बर से होने जा रहा है, जो 10 नवम्बर तक चलेगा। आईपीएल के इस मौके पर चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के पूर्व श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन (Muthiah Muralitharan) को यकायक कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) याद आए हैं और उन्होंने उनकी सफलता के कई राज खोले हैं। 
 
मुरली ने धोनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे गेंदबाज पर भरोसा जताते हैं और उनकी कप्तानी में गेंदबाजों को गेंदबाजी करने की पूरी आजादी मिलती थी। आईपीएल के 6 सत्रों में मुरलीधरन धोनी के नेतृत्व में चेन्नई के लिए खेले हैं। धोनी की कप्तानी में खेलने के अपने अनुभव को साझा करते हुए मुरलीधरन ने कहा कि वे ऐसे कप्तान रहे कि अगर गेंदबाज की गेंद में छक्का भी पड़ता है तो ताली तक बजा देते थे।
 
मुरलीधरन ने टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन के साथ यू-ट्यूब चैनल 'डीआरएस विथ एश' पर बात करते हुए कहा, अच्छी गेंद पर अगर छक्का लगता है तो धोनी ताली बजाएंगे। वह गेंदबाज को यह बताएंगे कि यह एक अच्छी गेंद है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बल्लेबाज ने आपको छक्का मारा है। बल्लेबाजों में भी हिट करने की प्रतिभा होती है।
 
उन्होंने कहा, आपको प्रेरित करने के लिए धोनी सबके सामने नहीं बल्कि आपको अकेले में बुलाएंगे और क्या करना है उसके बारे में बताएंगे। इन गुणों के कारण वह इतने सफल कप्तान हैं।”
पूर्व गेंदबाज ने कहा, धोनी एक युवा कप्तान थे। उन्होंने 2007 में टी-20 विश्वकप में काफी कम उम्र में कप्तानी की और भारत को खिताब जिताया लेकिन उनके सिद्धांत देखने में बहुत अच्छे लगते हैं। जब मैदान में उनका दांव नहीं चलता तो वह गेंदबाज को उसके अनुसार गेंदबाजी करने की आजादी देते हैं।
 
मुरलीधरन के अनुसार शांत रहना धोनी को एक अच्छा कप्तान बनाता है। उन्होंने बताया कि जब धोनी युवा खिलाड़ी थे, उस समय भी वह टीम के सीनियर खिलाड़ियों की सलाह लेते थे और उसका विशलेषण कर फैसला लेते थे।
 
उन्होंने कहा, उनके पास शांति से सोचने की क्षमता है और यह गुण उन्हें एक अच्छा कप्तान बनाता है। जब वह युवा थे, उस समय भी वह सीनियर की सलाह सुनते थे। वह लोगों की बात सुनते हैं और इसके बाद ही फैसला लेते हैं। यही एक अच्छे कप्तान की निशानी है।
 
मुरलीधरन ने कहा, इसके अलावा वह इस बारे में नहीं सोचते कि आईपीएल में बल्लेबाज कैसे बल्लेबाजी कर रहा है, बल्कि इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि कौनसा खिलाड़ी आपको मैच जिता सकता है। इस तरह की सोच के साथ वह आईपीएल में उतरते हैं।
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