Last Modified: नई दिल्ली ,
बुधवार, 13 अप्रैल 2011 (19:00 IST)
दिल्ली को वीरू के विस्फोट का इंतजार
दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान वीरेंद्र सहवाग विपक्षी गेंदबाजों का सामना करने के लिए शब्दों का तो पूरा आत्मविश्वास दिखा रहे हैं लेकिन उनका बल्ला उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप रन नहीं उगल पा रहा है।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पहले दो मैचों में बुरी तरह फ्लॉप रहे सहवाग ने टीम के बल्लेबाजों पर और दबाव बना दिया है। सहवाग जब ओपनिंग में रहते हैं तो उनसे हमेशा विस्फोटक शुरुआत की उम्मीद रहती है लेकिन उनके जल्दी आउट हो जाने के बाकी टीम पर दबाव आ जाता है।
दिल्ली ने अपने पहले दोनों मैच मुंबई इंडियंस और राजस्थान रायल्स गँवा दिए। मुंबई के खिलाफ सहवाग 19 रन बनाकर आउट हुए तो पूरी टीम 17.4 ओवर में 95 रन पर सिमट गई जबकि राजस्थान रायल्स के खिलाफ वह चार रन बना पाए और टीम छह विकेट पर 151 रन ही बना सकी।
मुंबई के खिलाफ सहवाग ने श्रीलंकाई तेज गेंदबाज लसित मलिंगा का एक पूरा ओवर ही मैडन खेल डाला था जो 10 वर्षों में पहला मौका था जब उन्होंने कोई ओवर मैडन खेला। सहवाग जैसा विस्फोटक बल्लेबाज यदि मैडन ओवर खेले तो निश्चित ही उसका बाकी बल्लेबाजों पर अच्छा संकेत नहीं जाएगा।
रायल्स के खिलाफ सहवाग पहले ही ओवर में शॉन टैट की गेंद पर स्लिप में कैच थमा बैठे थे। लगातार दूसरी नाकामी के बाद सहवाग ने स्वीकार किया कि उन्हें अब रन बनाने की जरूरत है वरना उनकी टीम के लिए टूर्नामेंट में वापसी करना मुश्किल हो जाएगा।
दिल्ली के पास ज्यादा मजबूत बल्लेबाजी नहीं है और टीम का ज्यादा दारोमदार सहवाग और डेविड वार्नर की जोड़ी पर टिका हुआ है। इस जोड़ी के बाद दिल्ली के पास एरोन फिंच, उन्मुक्त चंद, नमन ओझा, वाई वेणुगोपाल राव और इरफान पठान हैं लेकिन सहवाग और वार्नर को छोड़कर दिल्ली के पास कोई बड़ा नाम नहीं है। हालाँकि वेणुगोपाल ने पिछले मैच में शानदार 60 रन बनाए थे।
रायल्स के खिलाफ मैच के बाद सहवाग ने कहा दो मैच हार जाने के बाद यदि अब हमें टूर्नामेंट में वापसी करनी है तो मुझे टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज की जिम्मेदारी निभाते हुए रन बनाने होंगे। यदि मैंने कुछ रन बनाए होते तो हमारा स्कोर 160-170 पहुँच सकता था जो अधिक चुनौतीपूर्ण होता। हमारी गेंदबाजी अभी ठीक है लेकिन बल्लेबाजी चिंता का विषय है और साथ ही मुझे भी रन बनाने की जिम्मेदारी संभालने होगी।
दिल्ली का अगला मुकाबला 17 अप्रैल को युवराज सिंह की पुणे वारियर्स के साथ नवी मुंबई में है। पुणे की टीम इस समय अच्छा प्रदर्शन कर रही है। यदि दिल्ली पराजय की हैट्रिक का हार पहन लेती है तो उसके लिए टूर्नामेंट में उम्मीदें लगभग समाप्त हो जाएँगी और यदि वह जीत जाती है तो उसकी सेमीफाइनल की उम्मीदें बनी रहेंगी। (वार्ता)