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Last Updated : मंगलवार, 17 अप्रैल 2018 (13:59 IST)

आखिर कहां है इराक के 'तानाशाह' सद्दाम हुसैन का शव ?

आखिर कहां है इराक के 'तानाशाह' सद्दाम हुसैन का शव ? - Years after hanging, location of Iraq dictator Saddam’s body remains a mystery
बगदाद। आधिकारिक जानकारी के अनुसार वर्ष 2006 में तिकरित के नजदीक अल-अवजा गांव में इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को फांसी के बाद दफनाया गया था। लेकिन कहा जा रहा है कि अब वहां उनके अवशेष नहीं हैं। सद्दाम की जहां कब्र थी वहां टूटे-फूटे कंक्रीट और कांटेदार तार से ज्यादा कुछ नहीं रह गया है। 
 
करीब दो दशकों तक इराक पर शासन करने वाले तानाशाह सद्दाम हुसैन को 30 दिसंबर 2006 को दफनाया गया था, विदित हो कि तब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने निजी तौर पर यह फैसला किया था कि तानाशाह के शरीर को अमेरिकी सैन्य हैलीकॉप्टर के जरिए बगदाद से तिकरित के उत्तरी शहर के नजदीक अल-अवजा ले जाया जाए।  
 
उल्लेखनीय है कि अल अजवा उनका गृह नगर है लेकिन आज सवाल यह है कि दशकों तक जिस इंसान ने इराक में हुकूमत की उनके कब्र की ऐसी हालत कैसे हुई? सवाल किया जा रहा है कि क्या उनका शरीर अब भी अल-अवजा में है या फिर उनके शव को कब्र से निकाल दिया गया?  और अगर ऐसा है तो फिर उसे कहां ले जाया गया?
 
अल्बू नासेर समुदाय के नेता शेख मनफ अली अल-निदा, जोकि सद्दाम हुसैन के वंश से जुड़े हैं, का कहना है कि सद्दाम को बिना देरी के दफन कर दिया गया था। 69 साल के सद्दाम को कब्र में पहले दफनाया गया था, जिसे काफी सालों बाद जाहिर किया गया। इसके बाद यह स्थान एक तीर्थस्थल में बदल गया था जहां सद्दाम हुसैन के समर्थक और स्थानीय स्कूली बच्चों के समूह उनके जन्मदिन (28 अप्रैल) पर जमा होते थे।
 
कहा जाता है कि बाद में शेख निदा को गांव छोड़ने पर मजबूर किया गया और उन्हें इराकी कुर्दिस्तान में शरण लेनी पड़ी। उन्होंने कहा, '2003 से अमेरिकी नेतृत्व में हमले के बाद शेख के समुदाय को काफी परेशान किया गया क्योंकि वे सद्दाम से काफी नजदीक थे।' शेख ने कहा, 'क्या यह सामान्य बात है कि हमारी पीढ़ी को एक-के-बाद इतनी भारी कीमत चुकानी पड़ी और वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि हम एक ही परिवार से थे।'
 
शव को कब्र से निकालकर जलाया गया ?
 
सद्दाम के कब्र और उसके आसपास के इलाकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यतः शिया अर्द्धसैनिक बलों के पास रही है। उन्होंने कहा कि कब्र के ऊपर इस्लामिक स्टेट ने अपने स्नाइपर तैनात कर दिए थे जिसके बाद इराक ने वहां हवाई हमले किए और वह जगह तबाह हो गई। जिस वक्त यह धमाका हुआ शेख निदा वहां मौजूद नहीं थे, लेकिन उन्हें यकीन है कि सद्दाम के मकबरे को खोला गया और फिर उसे जलाया गया। 
 
वहीं दूसरी ओर सुरक्षा प्रमुख का कहना है कि सद्दाम का शव अभी भी वहीं है, जबकि एक लड़ाके का अनुमान है कि सद्दाम की बेटी हाला जो कि अब निर्वासित है और जार्डन में रहती है, एक निजी विमान से इराक आई थी और अपने पिता के शव को लेकर जॉर्डन चली गई है।
 
लेकिन विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर और सद्दाम के समय में लंबे समय तक छात्र रहे, ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि यह 'असंभव' है। उन्होंने कहा, 'हाला कभी वापस लौटकर इराक नहीं आई।' उन्होंने कहा, 'शरीर को किसी गुप्त स्थान पर ले जाया गया, कोई नहीं जानता कि उसे कौन ले गया या फिर कहां ले गए।' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ था, तो सद्दाम के परिवार की उस गुप्त स्थान पर पैनी नजर होती। सद्दाम के मकबरे का हश्र ठीक उसी तरह से हुआ है जैसा कि गांव के प्रवेश द्वार पर बनाए उनके पिता की कब्र के साथ हुआ, जिसे अनौपचारिक तरीके से उड़ा दिया था। 
 
लेकिन अभी की किसी को पता नहीं है कि सद्दाम के शव के साथ क्या किया गया है या उनके शव को कहां ले जाया गया है। या फिर शव अभी भी कब्र में ही मौजूद है। संभव है कि यह पहेली कुछ समय बाद सुलझ जाए।
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