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Last Updated :वाशिंगटन , बुधवार, 11 जनवरी 2017 (14:16 IST)

नोटबंदी के बाद झटका! विश्व बैंक ने घटाया भारत का वृद्धि दर का अनुमान

नोटबंदी के बाद झटका! विश्व बैंक ने घटाया भारत का वृद्धि दर का अनुमान | World Bank pares India's growth forecast for FY17 to 7% from 7.6%
वाशिंगटन। विश्व बैंक ने नोटबंदी के बाद चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के बारे में अपने अनुमान को घटा दिया है पर उसके अनुसार अब भी यह सात प्रतिशत के मजबूत स्तर पर रहेगी। पहले का अनुमान 7.6 प्रतिशत था।
 
साथ ही विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि आने वाले वषरें में देश की वृद्धि अपनी तेज लय पकड़ लेगी और 7.6 और 7.8 प्रतिशत के स्तर को पुन: प्राप्त कर लेगी।
 
विश्व बैंक की एक ताजा रपट में कहा गया है कि बड़े मूल्य के नोटों को तत्काल चलन से हटाने के सरकार के नवंबर के निर्णय से वर्ष 2016 में अर्थिक वृद्धि धीमी पड़ी है। पर रिपोर्ट में कहा गया है कि धीमी पड़ने के बावजूद भारत की वृद्धि दर मार्च 2017 को समाप्त होने जा रहे वित्त वर्ष में अब भी मजबूत 7 प्रतिशत तक रहेगी।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि तेल की कीमतों में कमी और कृषि उत्पाद में ठोस वृद्धि से नोटबंदी की चुनौतियों का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाएगा। इस तरह भारत चीन से आगे निकल कर सबसे तीव्र वृद्धि कर रही प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
 
विश्व बैंक को उम्मीद है कि वर्ष 2017-18 में गति पकड़ कर भारत की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत और 2019-20 में 7.8 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। उसका कहना है कि सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न सुधारों से घरेलू आपूर्ति की अड़चने दूर होंगी और उत्पादकता बढ़ेगी। बुनियादी ढ़ांचे पर खर्च बढ़ने से कारोबार का वातावरण सुधरेगा और निकट भविष्य में अधिक निवेश आएगा।
 
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मेक इन इंडिया अभियान से देश के विनिर्माण क्षेत्र को मदद मिलेगी। इस क्षेत्र को घरेलू मांग और नियमों में सुधार का भी फायदा होगा। मंहगाई दर में कमी और सरकारी कर्मचारियों के वेतन मान में सुधार से भी वास्तविक आय और उपभोग के बढ़ने में मदद मिलेगी। इसी संदर्भ में अनुकूल वर्षा और बेहतर कृषि उपज का भी उल्लेख किया गया है। (भाषा)