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Last Modified: गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022 (20:20 IST)

क्या और तेज होगी जंग? हजारों सैनिकों की भर्ती कर रहा है रूस

क्या और तेज होगी जंग? हजारों सैनिकों की भर्ती कर रहा है रूस - Will the battle intensify? Russia is recruiting thousands of soldiers
बोस्टन। रूस ने भले ही यूक्रेन पर अपना हमला तेज कर दिया हो लेकिन उसकी सेना सैनिकों के हताहत होने और सैन्य उपकरणों/सामग्री की आपूर्ति में कमी की समस्या से दो-चार हो रही है। हालांकि रूस द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों की भर्ती से यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं, आने वाले समय में युद्ध और तेज हो सकता है। 
 
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर, 2022 को सात देशों- अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन के समूह ने आपात बैठक बुलाई और यूक्रेन पर रूस के ताजा हमलों का विरोध किया।
 
रूस का ताजा हमला 9 अक्टूबर, 2022 से शुरू हुआ है, जिसमें यूक्रेन के असैन्य बुनियादी ढांचे और विभिन्न शहरों को निशाना बनाया जा रहा है। करीब 8 महीने से दोनों देशों की बीच जारी युद्ध का यह और वीभत्स दौर हो सकता है।
 
2 लाख सैनिकों की भर्ती : यूक्रेन पर यह हमला शुरू होने से बहुत पहले ही हालांकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने सैनिकों की कम संख्या पर संज्ञान लिया और 21 सितंबर, 2022 को एक आंशिक मसौदे को मंजूरी दी तथा 3,00,000 अतिरिक्त सैनिकों की भर्ती/तैनाती को मंजूरी दी। कई विशेषज्ञ हालांकि इसे अवैध हमला मान रहे हैं। अभी तक रूस से मिली सूचनाओं के अनुसार, सेना में करीब 2,00,000 नए सैनिकों की भर्ती की गई है।
 
रूसी लोगों में असंतोष : पुतिन के इस मसौदे से रूस के लोगों में असंतोष की नई लहर पैदा हुई है। हजारों की संख्या में रूसी नागरिक देश छोड़कर भाग रहे हैं। यहां तक कि रूस में कई सैन्य भर्ती केन्द्रों पर हिंसक हमले भी हुए हैं। क्रेमलिन सेना में भर्ती के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को दबाने का प्रयास कर रहा है और उसने 2400 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया है।
 
इस बीच, रूस के शीर्ष स्वतंत्र मतदान समूह ‘लेवाडा सेंटर’ द्वारा कराए गए जनमत संग्रह के अनुसार, पुतिन और ‘विशेष सैन्य अभियान’ (यूक्रेन युद्ध) को बहुमत का समर्थन मिल रहा है। लेकिन, रूसी मामलों और जनमत के एक विद्वान के रूप में, मुझे लगता है कि राष्ट्रपति की सार्वजनिक स्वीकृति और यूक्रेन पर हमला, लामबंदी के आलोक में बदल रहा है, क्योंकि अधिक परिवार शत्रुता से बिखर गए हैं।
 
फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमला शुरू होने के बाद से इसके प्रति ज्यादातर रूसी नागरिकों का रवैया सहानुभूतिपूर्ण या उदासीन रहा है। जनता बहुत तेजी से इस मामले में पुतिन के साथ हो गई और युद्ध जल्दी ही रूसी नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया।
 
50 फीसदी लोग कर रहे हैं जंग का समर्थन : जनमत संग्रह के दौरान करीब 50 प्रतिशत रूसी नागरिक लगातार कहते रहे हैं कि वे यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान का ‘पुख्ता’ समर्थन करते हैं, वहीं 30 प्रतिशत ऐसे हैं जो अन्य विकल्प के स्थान पर इसका ‘समर्थन करना चुनेंगे’ और सिर्फ 20 फीसदी ऐसे हैं जो इस सैन्य अभियान का समर्थन नहीं करते हैं।
 
रूस की जनता ने क्रेमलिन के साथ एक अलिखित सामाजिक अनुबंध के तहत इस युद्ध को काफी हद तक स्वीकार कर लिया है, जिसमें लोग शासन की बात मानते हैं और बदले में उन्हें बेहतर जीवनस्तर और निजी जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप जैसी चीजें मिलती हैं।
 
रूसी नागरिक सामान्य तौर पर रूस की सरकारी मीडिया द्वारा युद्ध के संबंध में दी जाने वाली खबरों को सुनना/देखना पसंद करते हैं, वे अन्य सूत्रों से आने वाली नकारात्मक खबरों से दूरी बनाए रखते हैं।
 
गौरतलब है कि 20 सितंबर, 2022 को रूस ने जब पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया तो पुतिन ने अपने भाषण में सार्वजनिक रूप से रूस के ‘पश्चिमी दुश्मनों’ का उल्लेख किया। उन्होंने पश्चिमी देशों पर ‘कीव की सत्ता’ की मदद करने और यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में ‘अमानवीय आतंकवादी हमले’ करने का आरोप लगाया। ऐसा करते पुतिन ने युद्ध की मुश्किलों और तकलीफों को सही ठहराने का प्रयास किया और यह दिखाने की कोशिश की कि रूस के लोग अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं।
 
युद्ध आत्मरक्षा के लिए : रूस के लोग अब भी पूरी शिद्दत से मानते हैं कि पश्चिमी देश उनके प्रति आक्रामक रवैया रखते हैं और यह युद्ध आत्मरक्षा के लिए है। अगस्त, 2022 में सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 71 फीसदी लोगों ने कहा था कि अमेरिका के प्रति उनके विचार नकारात्मक हैं और 66 प्रतिशत लोग यूक्रेन के प्रति नकारात्मक विचार रखते हैं।

कुछ समाज शास्त्रियों का हालांकि तर्क है कि रूस में होने वाले जनमत संग्रह पूरी तरह भरोसेमंद नहीं हो सकते क्योंकि उनमें तमाम कारक शामिल हैं।
Edited by: Vrijendra singh Jhala (भाषा)
 
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