पाकिस्तान की असेंबली में क्यों छिड़ी बिहारी शब्द पर बहस, भारत विभाजन से है ताल्लुक
Debate on word Bihari in Pakistan: पाकिस्तान के सिंध प्रांत की असेंबली (Sindh Assembly of Pakistan) में 'बिहारी' शब्द को लेकर गरमागरम बहस छिड़ गई। इस बहस का ताल्लुक भारत विभाजन से है। बहस की शुरुआत तब हुई जब सिंध विधानसभा के सदस्य सैयद एजाज उल हक (MLA Ejaz ul Haq) ने अपने भाषण में 'बिहारी' शब्द का प्रयोग किया। एजाज के भाषण के बाद असेंबली में एक नई बहस को जन्म दे दिया।
क्या कहा एजाज ने : एजाज उल हक ने सिंध असेंबली में बोलते हुए कहा कि बिहारी वो लोग हैं जिन्होंने पाकिस्तान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। बिहारियों ने ही नारा लगाया था- 'बंट के रहेगा हिंदुस्तान, बनकर रहेगा पाकिस्तान। हक ने यहां तक कह दिया है कि वो बिहारी ही हैं, जिनकी वजह से पाकिस्तान वजूद में आया। आज आप बिहार को, बिहारी शब्द को गाली बता रहे हैं, लेकिन आप भूल गए कि ये बिहारी कौन हैं?
इसलिए शुरू हुई बहस : हक ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि बिहारियों ने पाकिस्तान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में उन्हें अपमानित करना अनुचित है। उनके इस बयान का तात्पर्य उन लाखों मुसलमानों से था जो विभाजन के समय बिहार और अन्य क्षेत्रों से पाकिस्तान चले गए। इन लोगों को अब भी 'मुहाजिर' कहा जाता है, जिसका अर्थ है प्रवासी अथवा शरणार्थी है। विभाजन के समय बिहार से भी बड़ी संख्या में पाकिस्तान पहुंचे थे। इन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान में 'बिहारी' शब्द का इस्तेमाल अक्सर इन प्रवासियों के लिए एक अपमानजनक शब्द के रूप में किया जाता था।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala