कौन हैं एनी एरनॉक्स जिन्हें मिलेगा 2022 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार
वर्ष 2022 का साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार फ्रांसीसी लेखक एनी एरनॉक्स (French author Annie Ernaux) को दिया जाएगा। गुरुवार को नोबेल पुरस्कार कमेटी ने लेखिका एनी एनरॉक्स के नाम की घोषणा कर इस सम्मान के बारे में जानकारी दी। यह पुरस्कार उन्हें अपने संस्मरण और जीवनी के लिए मिलेगा। आखिर कौन हैं एनी एरनॉक्स जिसके नाम पर नोबेल पुरस्कार कमेटी ने मुहर लगाई है।
कौन हैं एनी एरनॉक्स?
एनी का जन्म साल 1940 में हुआ था। एनी एरनॉक्स की लोकप्रिय कृतियों में जर्नल डू डेहोर्स (Journal du dehors), ला वी एक्सटीरियर (La vie extérieure) किताबें शामिल हैं। इन पुस्तकों में एनी ने अपने बचपन के लेखों को शामिल किया है। एनी एरनॉक्स ने फ्रेंच सहित अंग्रेजी में कई उपन्यास, नाटक और लेख लिखे हैं। उन्होंने कई फिल्मों के लिए कहानियां भी लिखीं हैं।
कैसे हुई लेखन की शुरुआत?
एनी एरनॉक्स ने अपने लेखन की शुरुआत 1974 में एक आत्मकथात्मक उपन्यास लेस आर्मोइरेस वाइड्स यानी क्लीन्ड आउट (Cleaned Out) से की थी। 1984 में उन्होंने अपनी एक अन्य रचना ला प्लेस (ए मैन्स प्लेस) के लिए रेनाडॉट पुरस्कार (Renaudot Prize) जीता था। एक पुस्तक उनके पिता के साथ उनके संबंधों और फ्रांस के एक छोटे से शहर में बड़े होने के उनके अनुभवों और आगे बढ़ने की उनकी यात्रा के बारे में थी।
कितनी धनराशि मिलेगी पुरस्कार में?
नोबेल पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। इस पुरस्कार के विजेता को एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्राउन (तकरीबन 8.20 करोड़ रुपए) दिए जाते हैं। बता दें कि साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार 1901 से दिया जा रहा है। इसके पहले साल 2021 का साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार ब्रिटिश उपन्यासकार अब्दुलराजाक गुरनाह को दिया गया था। गुरनाह का उपन्यास पैराडाइज बहुत ही मशहूर हुआ है। इस उपन्यास को बुकर और व्हाइटब्रेड पुरस्कार, दोनों के लिए चुना गया था।
विवादों से भी रहा नाता
बता दें कि साहित्य के नोबेल पुरस्कार को बांटने को लेकर कई बार विवाद भी रहा है। इसे लेकर पूरी दुनिया की नजर रहती है। इस बार इस पुरस्कार के लिए भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी के नाम की भी चर्चा थी। लेकिन अंतत: यह फ्रांस की लेखिका एनी एरनॉक्स को दिया जा रहा है। सलमान रुश्दी अपने उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस के कारण विवादों में आए थे। यह उपन्यास उन्होंने 1988 में लिखा था। जिसे लेकर उन पर लंदन में हाल ही में हमला हुआ था। उन पर उपन्यास में इस्लाम विरोधी टिप्पणियों का आरोप था। बता दें कि भारत समेत कई देशों में यह उपन्यास प्रतिबंधित है।
Edited: By Navin Rangiyal