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Last Updated : मंगलवार, 1 अप्रैल 2025 (11:17 IST)

कृषि उत्पादों पर 100 फीसदी शुल्क लगाता है भारत, चावल पर अमेरिका से 700 फीसदी शुल्क लेता है जापान

tariff war
Trump Tariff war : अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भारत 100 प्रतिशत शुल्क लगाता है और अन्य देशों के उच्च शुल्कों के कारण अमेरिकी उत्पादों को इन देशों में निर्यात करना वस्तुतः असंभव हो जाता है।
 
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी वस्तुओं पर भारत और अन्य देशों द्वारा लगाए गए उच्च शुल्क की बार-बार आलोचना की है। वह दो अप्रैल यानी बुधवार से जवाबी शुल्क की एक श्रृंखला शुरू करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने 2 अप्रैल को अमेरिका का मुक्ति दिवस करार दिया है।
 
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि दुर्भाग्यवश, ये देश बहुत लंबे समय से हमारे देश को लूट रहे हैं और मुझे लगता है कि उन्होंने अमेरिकी श्रमिकों के प्रति अपनी उपेक्षा को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है।
 
उन्होंने कहा कि यदि आप व्यापार अनुचित चलन पर गौर करें तो अमेरिकी दुग्ध उत्पादों पर यूरोपीय संघ 50 प्रतिशत शुल्क और अमेरिकी चावल पर जापान 700 प्रतिशत शुल्क लेता है। अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भारत 100 प्रतिशत और अमेरिकी मक्खन एवं पनीर पर कनाडा करीब 300 प्रतिशत शुल्क वसूलता है।
 
लेविट ने कहा कि इससे इन बाजारों में अमेरिकी उत्पादों का आयात करना लगभग असंभव हो गया है और इसने पिछले कई दशकों में बहुत से अमेरिकियों को कारोबार करने एवं इससे जुड़े रोजगार के अवसरों से वंचित कर दिया है।
 
उन्होंने कई देशों द्वारा लगाए गए उच्च शुल्क का उल्लेख करते हुए एक चार्ट पेश किया और कहा कि यह जवाबी शुल्क लगाने और राष्ट्रपति द्वारा ऐतिहासिक बदलाव करने का सही समय है, जो अमेरिकी लोगों के लिए उचित होगा....यह बुधवार से होने जा रहा है। लेविट ने हालांकि यह नहीं बताया कि शुल्क किस तरह के होंगे और कौन से देश इससे प्रभावित होंगे।
 
चीन को मिला जापान और दक्षिण कोरिया का साथ : चीन, जापान और दक्षिण कोरिया मिलकर अमेरिकी टैरिफ का जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं। जापान और दक्षिण कोरिया चीन से सेमीकंडक्टर का कच्चा माल खरीदना चाहते हैं। वहीं चीन जापान और दक्षिण कोरिया से चिप प्रोडक्ट्स खरीदना चाहता है। तीनों देशों के वित्त मंत्रियों की रविवार को हुई बैठक में मुक्त व्यापार समझौते पर हत्याक्षर हुए। 
edited by : Nrapendra Gupta