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Last Modified: काबुल , मंगलवार, 22 अगस्त 2017 (12:21 IST)

तालिबान की चेतावनी, अमेरिका के लिए 'कब्रगाह' बन जाएगा अफगानिस्तान

तालिबान की चेतावनी, अमेरिका के लिए 'कब्रगाह' बन जाएगा अफगानिस्तान - Taliban warns Afghanistan will become 'graveyard' for US
काबुल। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हजारों अमेरिकी सैनिकों को युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में भेजने का रास्ता साफ किए जाने के बाद तालिबान ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान अमेरिका के लिए एक कब्रगाह बन जाएगा।
 
अफगानिस्तान में तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, 'यदि अमेरिका यहां  से अपने सैनिक नहीं हटाता है तो जल्दी ही 21वीं सदी की इस महाशक्ति के लिए अफगानिस्तान एक अन्य कब्रगाह बन जाएगा।'
 
उसने कहा कि अमेरिका को युद्ध जारी रखने के बजाय अफगानिस्तान से निकलने की रणनीति के बारे में सोचना चाहिए।
 
मुजाहिद ने कहा, 'जब तक अमेरिका का एक भी सैनिक हमारी धरती पर है, और जब तक वे हमपर युद्ध थोपना जारी रखते हैं, तब तक हम पूरे मनोबल के साथ अपना जिहाद जारी रखेंगे।’’ सोमवार को कमांडर-इन-चीफ के तौर पर देश को दिए अपने पहले औपचारिक संबोधन में ट्रंप अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को खत्म करने के अपने वादे से पीछे हट गए। हालांकि उन्होंने इसपर विशेष जानकारी नहीं दी।
 
उन्होंने कहा कि वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि त्वरित निकासी अस्वीकार्य और पूर्वानुमान लायक है। इससे एक ऐसा शून्य पैदा हो जाएगा, जिसे आतंकी तुरंत भर देंगे।
 
ट्रंप ने सैनिकों की संख्या के बारे में विस्तार से बताने से मना कर दिया लेकिन व्हाइटहाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अपने रक्षामंत्री को 3900 तक और सैनिक तैनात करने का अधिकार दे दिया है।
 
इससे पहले मुजाहिद ने रणनीति को अस्पष्ट बताते हुए खारिज कर दिया था। उसने कहा था कि इस रणनीति में कुछ भी नया नहीं है।
 
तालिबान के एक वरिष्ठ कमांडर ने बताया कि ट्रंप जॉर्ज बुश जैसे पिछले राष्ट्रपतियों के अहंकारी बर्ताव को स्थायी ही बना रहे हैं। उसने कहा, ‘‘वह अमेरिकी सैनिकों को बर्बाद कर रहे हैं। हम जानते हैं कि हमारे देश की रक्षा कैसे करनी है। इससे कुछ नहीं बदलेगा।
 
प्रवक्ता ने एक अज्ञात स्थान से बताया कि हम कई पीढ़ियों से इस युद्ध को लड़ रहे हैं। हम डरे नहीं हैं। हम तैयार हैं और अपनी आखिरी सांस तक इस युद्ध को जारी रखेंगे। उसने कहा कि बयान ने साबित कर दिया है कि मौजूदा अफगान सरकार अमेरिका के हाथ की कठपुतली’’ है।
 
ट्रंप के बयान के कुछ ही मिनट बाद आतंकियों ने अपने इरादों के भी संकेत दे दिए। आतंकियों ने दावा किया कि काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास को सोमवार रात रॉकेट हमले से निशाना बनाया गया।
 
शहर के राजनयिक क्वार्टर के क्षेत्र में सोमवार को रॉकेट गिरा था। हालांकि इसके कारण किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली। वह ‘अराजकता के एजेंटों’ को पनाहगाह उपलब्ध करवाने को लेकर पाकिस्तान पर भी बरसे।
 
तालिबान के सहयोगी हक्कानी नेटवर्क के एक कमांडर ने कहा कि ट्रंप ने यह साबित कर दिया है कि यह एक धर्मयुद्ध है। लंबे समय से यह माना जाता है कि हक्कानी नेटवर्क का पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान से संबंध रहा है। ट्रंप के बयान ने साबित किया है कि अमेरिका पूरे मुस्लिम समुदाय को मिटा देना चाहता है।
 
ट्रंप की घोषणा से पहले तालिबान ने उन्हें चेतावनी देते हुए एक खुला खत लिखा था और चेतावनी दी थी कि वह अफगानिस्तान में और अधिक सैनिक न भेजें और यहां से विदेशी बलों को पूरी तरह हटा लें। (भाषा)