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सोलह घंटे के दुःस्वप्न के बाद सिडनी बंधक कांड का पटाक्षेप

सोलह घंटे के दुःस्वप्न के बाद सिडनी बंधक कांड का पटाक्षेप - Sydney siege
-शोभना जैन

सिडनी/नई दिल्ली। सोलह घंटे के दुःस्वप्न के बाद सिडनी बंधक कांड का पटाक्षेप हो गया है तथा इस कांड में बंधक बनाए गए दोनों  भारतीय सुरक्षित हैं जबकि हमलावर बंदूकधारी पुलिस ऑपरेशन में मारा गया। एक  भारतीय बंधक विश्वकांत अंकित रेड्‍डी को हादसे के बाद मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया। 


 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस कांड के पटाक्षेप के बाद अब से कुछ देर पहले ट्वीट करके यह जानकारी दी। श्रीमती स्वराज ने कहा कि एक अन्य बंधक भारतीय पुष्पेन्दु घोष भी सुरक्षित हैं।
 
इसी बीच समाचारों के अनुसार, सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई समयानुसार देर रात लगभग दो बजे के करीब जैसे ही लगभग सात बंधक कैफे से बंदूकधारी की गिरफ्त से भागे, तभी रॉयल ऑस्ट्रेलियन रेजिमेंट कमांडोज ने कैफे पर धावा बोल दिया।  
 
इसके बाद वहां से गोलियों के धमाके की आवाजें सुनाई देती रहीं। दस मिनट तक चले इस ऑपरेशन में हुई गोली बारी में बंधक बनाने वाला बंदूकधारी और एक बंधक  कथित तौर पर मारा गया जबकि सात बंधक  घायल भी हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन में से दो की हालत नाजुक बताई गई है। बंदूकधारी के मारे जाने की अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है।
 

इससे पूर्व श्रीमती स्वराज ने अपने ट्वीट में कहा कि इस हादसे के बाद से ही सरकार सिडनी स्थित भारतीय मिशन व रेडडी के परिवार के साथ संपर्क में थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। इसी बीच पुलिस ने बंदूकधारी का नाम हारून मोनिस बतया है जो कि ईरानी मूल का है और उसने ऑस्ट्रेलिया में अठारह वर्ष पूर्व राजनीतिक शरण ली थी। 
 
पुलिस के अनुसार 50 वर्षीय इस व्यक्ति की आपराधिक पृष्ठभूमि रही है। उस पर हत्या और यौन अपराध के मामले थे। इस स्वयंभू मौलवी पर अपनी पत्नी की भी हत्या करने का आरोप था, जिसमें उसे सजा भी हुई। सुबह बंदूकधारी पीठ पर एक 'बैक पेक' के साथ कैफे में घुसा था। इस बैग में विस्फोटक होने का भी अंदेशा जताया जा रहा है, जिसके चलते पुलिस ने बंधकों की सुरक्षा के मद्देनजर काफी फूंक-फूंककर कदम उठाए।
 
गौरतलब है कि सिडनी शहर के मार्टिन प्लेस में आज सुबह लिंट चॉकलेट कैफ़े में कथित तौर पर एक बंदूकधारी के दो भारतीय सहित लगभग 15 लोगों को बंधक बनाए जाने की घटना के बाद ऐहतियातन सिडनी स्थित अपने वाणिज्य दूतावास को कर्मचारियों से खाली करवा लिया था। 
प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस हादसे को 'अमानवीय तथा अत्‍यंत दुर्भाग्यपूर्ण' बताया। उन्होंने बंधकों के लिए सुरक्षा की प्रार्थना करते हुए कहा कि इस हादसे से हम सभी परेशान हैं।
 
इनमें से एक बंधक रेड्‍डी भारतीय इंफोसिस कंपनी का कर्मचारी है। सिडनी प्रशासन के वार्ताकार बंदूकधारी से बंधकों को रिहा करवाने के लिए निरंतर वार्ता करते रहे। कुछ घंटे बाद पांच बंधक बंदूकधारी की गिरफ्त से भाग निकले थे, इनमें तीन कैफे के कर्मचारी भी शामिल थे। 
 
हादसे की खबर के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस हादसे पर ऑस्ट्रेलिया स्थित भारतीय उच्चायुक्त बीरेन नंदा से बात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने सिडनी हादसे पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'ऐसी स्थतियों से निबटने के लिए हमारी स्टेन्डर्ड प्रक्रिया होती है।'
 
साथ ही उन्होंने कहा 'वाणिज्य दूतावास में सभी कर्मी सुरक्षित हैं। गौरतलब है कि सिडनी स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास इस केफे से मात्र 600 मीटर की दूरी पर ही है। इस हादसे के बाद सुरक्षा उपायों बतौर सिडनी स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास से सभी कर्मचारियों को खाली करवा लिया गया। 
 
विदेश मंत्रालय के अनुसार उच्चायोग इस हादसे के बाद वहां के स्थानीय संगठनों के निरंतर संपर्क में है। विदेश मंत्रालय ने सिडनी हादसे को लेकर वहां भारतीयों की कुशलक्षेम जानने के लिए जन साधारण की सहायता के लिए हेल्पलाइन भी स्थापित की। 
 
सिडनी शहर में सोमवार की सुबह लगभग साढ़े नौ बजे एक कैफ़े में एक बंदूकधारी के लोगों को बंधक बनाए जाने के 'कायराना कुकृत्य' पर पूरे विश्‍व समुदाय ने चिंता जताई है। ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने इस हादसे को अत्‍यंत परेशान करने वाला बताते हुए कहा कि बंदूकधारी राजनीतिक कारणों का दावा कर रहा है।
 
न्यू साउथ वेल्स की पुलिस का शुरुआती पर कहना था कि मार्टिन प्लेस लिंट चॉकलेट कैफे में बंधक बनाने वाले कुछ लोग हथियारबंद हैं लेकिन बाद में कहा गया कि हथियारबंद एक ही व्यक्ति है। इसी बीच अपुष्ट समाचारों में कहा गया कि इस हथियारबंद ने सरकार के सम्मुख दो मांगें रखीं। एक तो उसे आतंकी संगठन (आईएस) का झंडा मुहैया कराया जाए और दूसरी उसकी बात ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट से कराई जाए। 
 
इस बंदूकधारी को बाद में यह झंडा भी दे दिया गया। ऑस्ट्रेलियाई संवाद समिति (एबीसी) द्वारा जारी नवीनतम समाचारों के अनुसार पांच लोग कैफे में इधर-उधर भागते हुए नजर आए। शुरू में बंधकों की संख्या 40 बताई गई थी। इस कांड के पटाक्षेप होने के बाद बंधकों की संख्या 15 बताई गई।  
 
टीवी फ़ुटेज में दिखाया गया कि कैफ़े के अंदर दो लोग हाथ में काले झंडे जैसा कुछ लिए हुए थे, जिस पर सफेद रंग में अरबी में कुछ लिखा हुआ था। इस पर क्या लिखा था इस बारे में अलग-अलग जानकारियां आ रही थीं। कैफ़े के बाहर भारी संख्या में सशस्त्र अधिकारियों ने मोर्चा संभाल रखा था।
 
हादसे के फौरन बाद घटनास्थल की तरफ जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया गया, दफ़्तर खाली करा दिए गए और लोगों से इस जगह से दूर रहने को कहा गया। इस स्थान पर अनेक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्यालय होने के साथ-साथ कई भारतीय संस्थान व उपक्रम भी हैं। यह कैफ़े शहर के बीचोंबीच मार्टिन प्लेस में है। यहां रिज़र्व बैंक ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ देश के दो बड़े बैंकों के मुख्यालय भी हैं। (वीएनआई)