मदर टेरेसा को मिली 'संत' की उपाधि...
वेटिकन सिटी। भारत में गरीबों के लिए काम करके पहचान बनाने वाली रोमन कैथोलिक नन मदर टेरेसा को रविवार को वेटिकन पोप फ्रांसिस ने संत की उपाधि दी। मदर टेरेसा के निधन के 19 साल बाद यह उपाधि दी गई है।
वेटिकन के सेंट पीटर्स स्क्वेयर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में लगभग एक लाख लोगों की मौजूदगी में पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को इस उपाधि से नवाजा।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को ही इटली की राजधानी रोम पहुंची थीं। केंद्र सरकार के इस प्रतिनिधिमंडल के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में दो राज्य स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी रोम में है।
वर्ष 1950 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना करने वाली मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को एक अल्बेनीयाई परिवार में सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य (तत्कालीन उस्कुब, ओटोमन साम्राज्य) में हुआ था। उनका असली नाम अग्नेसे गोंकशे बोजशियु था।
कोलकाता से शुरू हुए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के साथ दुनियाभर में तीन हजार से ज्यादा नन जुड़ी हुई हैं। मदर टेरेसा ने कई आश्रम, गरीबों के लिए रसोई, स्कूल, कुष्ठ रोगियों की बस्तियां और अनाथ बच्चों के लिए घर बनवाए।
उन्हें 1971 में नोबेल शांति पुरस्कार और 1980 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' प्रदान किया गया। वर्ष 1988 में ब्रिटेन द्वारा 'ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश इम्पायर' की उपाधि प्रदान की गई।
मदर टेरेसा के जीवनकाल में मिशनरीज ऑफ चैरिटी का कार्य लगातार विस्तृत होता रहा और उनकी मृत्यु के समय तक इसके कार्यों का प्रसार 610 मिशन के तहत 123 देशों में हुआ।
5 सितंबर 1997 को दिल का दौरा पड़ने से मदर टेरेसा की मृत्यु हुई थी। मदर टेरेसा की मृत्यु के बाद पॉप जॉन पॉल द्वितीय ने उन्हें 'धन्य' (बियेटीफिकेशन) घोषित किया था।
संत घोषित करने के कार्यक्रम में शामिल हुईं सुषमा : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यहां सेंट पीटर्स स्क्वायर में एक मास के दौरान मदर टेरेसा को संत की उपाधि प्रदान किए जाने के कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
सुषमा दो राज्य स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों सहित 12 अन्य लोगों के साथ यहां पहुंचीं। पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ममता बनर्जी और दिल्ली के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अरविंद केजरीवाल ने किया।
विदेश मंत्री के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल, लोकसभा सदस्य प्रोफेसर केवी थॉमस, जोस के. मणि, एंटो एंथनी और कोनराड के शर्मा तथा गोवा के उप मुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूजा भी वेटिकन पहुंचे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘लोगों की सेवा में समर्पित जीवन को श्रद्धांजलि। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भारतीय प्रतिनिधिमंडल मदर टेरेसा को संत घोषित किए जाने के मौके पर मौजूद हैं।’ सुषमा ने कल रोम में भारतीय राजदूत अनिल वाधवा की ओर से आयोजित एक स्वागत समारोह में भारतीय प्रवासियों से मुलाकात की।
मदर टेरेसा के लिए ननों ने भी देखा टीवी : जीवनभर टीवी सेटों से दूर रहने वाली मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सैकड़ों ननों ने आज कोलकाता में उस समय अपवादस्वरूप टीवी देखा, जब मदर टेरेसा को संत घोषित किए जाने के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हो रहा था। संस्था के मुख्यालय मदर हाउस में तीन विशाल स्क्रीन लगाए गए थे ताकि लोग एक स्थान पर एकत्र होकर कार्यक्रम का प्रसारण देख सकें।
मदर हाउस में एक नन ने कहा, ‘हम यहां टीवी या मोबाइल फोन नहीं रखते। जब हमें आंगुतकों को कोई डाक्यूमेंट्री दिखानी होती है तो स्क्रीन लगाई जाती है।' कोलकाता नगर निगम ने आम लोगों के लिए बाहर पंडाल में चौथा स्क्रीन लगाया था।
ननों ने कहा कि यह दुर्लभ मौकों में से एक है जब उन लोगों ने टीवी कार्यक्रम देखा। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान निर्धनों की सेवा पर रहता है और वे टीवी आदि नहीं देखतीं, लेकिन यह खास मौका था और हम सब काफी खुश थे। वह हमारी मां हैं और इसलिए हमें इसे देखना था। उनमें से कोई भी मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करतीं। एक नन ने कहा कि हमें फोन और टीवी की जरूरत नहीं है। हमारे यहां लैंडलाइन फोन है और वह पर्याप्त है।
पोप फ्रांसिस ने 1,500 बेघर लोगों को पिज्जा भोज दिया : मदर टेरेसा के पद्चिन्हों का अनुसरण करते हुए पोप फ्रांसिस ने करीब 1,500 लोगों को पिज्जा भोज दिया। टेरेसा को संत घोषित किए जाने के कार्यक्रम से पहले पोप ने इन लोगों के लिए दोपहर के भोज का आयोजन किया। इन लोगों में अधिकतर वे लोग थे जो मदर टेरेसा के ‘सिस्टर्स ऑफ चैरिटी’ द्वारा संचालित आश्रय स्थलों में रहते हैं।
संत घोषित करने के कार्यक्रम में शामिल होने से पहले वेटिकन सभागार की लॉबी में इन लोगों के लिए दोपहर के भोज का आयोजन किया गया। नियोपोलिटन पिज्जा बनाने वाले ने पिज्जा तैयार करने में 20 लोगों की सेवा ली और तीन पिज्जा ओवेन भी लिए थे। ये पिज्जा सिस्टर्स ऑफ चैरिटी से जुड़ी करीब 250 सिस्टर्स और पादरियों को भी परोसे जाएंगे।
मोदी ने कहा, मदर टेरेसा को संत की उपाधि गौरव का क्षण : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मदर टेरेसा को संत की उपाधि से विभूषित किया जी-20 शिखर-सम्मेलन में भाग लेने के लिए पूर्वी चीनी शहर की यात्रा पर आए मोदी ने हांगझोउ से एक ट्वीट में कहा, ‘मदर टेरेसा को संत की उपाधि दिया जाना यादगार और गौरवपूर्ण क्षण है।’ इसी ट्वीट में उन्होंने 28 अगस्त को प्रसारित अपने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के वीडियो लिंक को भी साझा किया।
प्रधानमंत्री ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में मदर टेरेसा की प्रशंसा की थी, जिन्होंने कोलकाता में अपने सेवा कार्यों से अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित की। मोदी ने कहा था, ‘भारत रत्न मदर टेरेसा को संत की उपाधि से सम्मानित किया जाना हम भारतीयों के लिए गौरव की बात है। उन्होंने अपना जीवन गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। वह अल्बानियाई थीं और अंग्रेजी उनकी मातृभाषा नहीं थी, लेकिन फिर भी उन्होंने इसे अपनी भाषा बनाया और गरीबों की सेवा की।’ (एजेंसियां)