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Last Updated : रविवार, 25 जून 2023 (15:31 IST)

1000 साल पुरानी अल हकीम मस्जिद पहुंचे पीएम मोदी, क्या है इसका भारत कनेक्शन

1000 साल पुरानी अल हकीम मस्जिद पहुंचे पीएम मोदी, क्या है इसका भारत कनेक्शन - PM Modi visits Al-Hakim Mosque in Egypt
PM Modi in egypt : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिस्त्र यात्रा के दूसरे दिन रविवार को 1000 साल पुरानी अल हकीम मस्जिद पहुंचे। काहिरा स्थित इस मस्जिद को 11वीं शताब्दी में बनाया गया था और दाऊदी बोहरा समुदाय ने इसका जीर्णोद्धार करवाया था। 1979 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया था।

अल हाकिम मस्जिद काहिरा की चौथी सबसे पुरानी मस्जिद है और शहर में दूसरी फातिमिया दौर की मस्जिद है। मस्जिद 13,560 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैली हुई है, जिसका प्रांगण 5,000 वर्ग मीटर में है।
 
1970 के दशक के अंत में मस्जिद का पुनर्निर्माण किया गया। इसकी जिम्मेदारी दाऊदी बोहरा समुदाय के 52वें धर्मगुरु मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने ली थी। मोहम्मद बुरहानुद्दीन भारतीय थे। सामाजिक क्षेत्र में योगदान के लिए भारत सरकार ने मोहम्मद बुरहानुद्दीन को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया था।

मिस्र में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने पहले कहा था कि भारत में बस गए बोहरा समुदाय का संबंध फातिमिया से है। उन्होंने कहा था कि बोहरा समुदाय 1970 के बाद से मस्जिद का रखरखाव कर रहा है। प्रधानमंत्री का बोहरा समुदाय से बहुत गहरा लगाव है जो कई सालों से गुजरात में भी हैं। यह उनके लिए बोहरा समुदाय के एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल पर फिर से जाने का अवसर होगा।
 
मोदी 'हेलिओपोलिस कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव सेमेटरी' भी गए। यहां उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
 
इससे पहले उन्होंने मिस्र के मुफ्ती-ए-आजम डॉ. शॉकी इब्राहिम अब्देल-करीम अल्लाम से मुलाकात की और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने और अतिवाद एवं कट्टरता के मुकाबले से संबंधित मुद्दों समेत भारत-मिस्र संबंधों पर चर्चा की।
 
मिस्र की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने अल्लाम को अवगत कराया कि भारत मिस्र के सामाजिक न्याय मंत्रालय के अंतर्गत इस्लामिक विधिक अनुसंधान के लिए मिस्र की परामर्श संस्था ‘दार-अल-इफ्तार’ में सूचना प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) की स्थापना करेगा।
 
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल्लाम ने समावेशिता और बहुलवाद को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की भी सराहना की। मुफ्ती-ए-आजम ने भारत की अपनी हालिया यात्रा को याद करते हुए भारत एवं मिस्र के बीच मजबूत सांस्कृतिक एवं लोगों से लोगों के संबंध को रेखांकित किया।
Edited by : Nrapendra Gupta