इस्लामाबाद। इस्लामाबाद में भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में आखिरकार पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े और वह तीसरी बार जाधव को कॉन्सुलर मुलाकात की सुविधा प्रदान करने को तैयार हो गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि मुझे जानकारी मीडिया के जरिये मिली है। इससे एक दिन पहले ही भारत ने कहा था कि पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे जाधव को दी गई दूसरी कॉन्सुलर पहुंच ‘न तो अर्थपूर्ण थी और न ही विश्वसनीय’।
पाकिस्तान ने गुरुवार को भारतीय नौसेना के 50 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को दूसरी कॉन्सुलर पहुंच प्रदान की थी, जिन्हें पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। भारत सरकार ने कहा था कि दूसरी राजनयिक पहुंच ‘न तो अर्थपूर्ण थी और न ही विश्वसनीय’ तथा जाधव देखने से तनाव में लग रहे थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली में कहा, ‘कॉन्सुलर अधिकारियों को बेरोकटोक, निर्बाध और बिना किसी शर्त के जाधव तक पहुंच नहीं प्रदान की गई।’ पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने हालांकि कहा कि भारतीय राजनयिक अधिकारियों को नई दिल्ली की इच्छा के अनुसार जाधव तक पहुंच प्रदान की गई।
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत को एक और कॉन्सुलर पहुंच प्रदान करने को तैयार है। समाचारपत्र के अनुसार कुरैशी ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘उन्होंने मुलाकात के दौरान सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी पर आपत्ति जताई थी, हम उन अधिकारियों को भी हटाने के लिए तैयार हैं। भारत यदि एक और पहुंच चाहता है तो हमारी पेशकश खुली हुई है। यदि वे (भारत) उनसे आज रात या कल मिलना चाहते हैं, हम तैयार हैं।’
हालांकि इस बारे में न तो भारत और न ही पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि हुई है कि इस निर्णय के बारे में नई दिल्ली को सूचित किया गया है या नहीं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी 50 वर्षीय जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। इसके कुछ ही समय बाद भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच से पाकिस्तान द्वारा मना करने और मौत की सजा को चुनौती देने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पिछले वर्ष जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराए जाने और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए और उसे बिना देरी किये भारत को कॉन्सुलर पहुंच प्रदान करनी चाहिए। पाकिस्तान द्वारा पहली कॉन्सुलर पहुंच गत वर्ष दो सितम्बर में प्रदान की गई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत को आश्वासन दिया था कि गुरुवार को कॉन्सुलर पहुंच बेरोकटोक, निर्बाध और बिना किसी शर्त के प्रदान की जाएगी। हालांकि यह पता चला कि बैठक की व्यवस्था इस्लामाबाद द्वारा किए गए आश्वासनों के अनुसार नहीं थी।
पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को उसके सुरक्षा बलों ने तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था, जहां उन्होंने ईरान से कथित तौर पर प्रवेश किया था। वहीं भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उनके व्यापारिक हित थे। (भाषा)