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Last Modified: वॉशिंगटन , बुधवार, 16 अप्रैल 2025 (19:33 IST)

चीन को भारी पड़ा अमेरिका को जवाब देना, अब ट्रंप सरकार ने लगाया 245% टैरिफ

Donald Trump_Xi Jinping
China-America Tariff War : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा है कि चीन को अपनी जवाबी कार्रवाई के कारण अब अमेरिका में आयात पर 245 प्रतिशत तक शुल्क का सामना करना पड़ेगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ’ पर मंगलवार को अलग से दी जानकारी में कहा कि चीन ने बड़े बोइंग सौदे के तहत विमानों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। ये उन खबरों की पुष्टि करता है जिसमें दावा किया गया था कि चीन ने अपनी विमान कंपनियों से अमेरिकी विमान विनिर्माता कंपनी बोइंग से विमानों की आपूर्ति न लेने का कहा है।
 
ट्रंप ने इस खबर की जानकारी देते हुए चीन जैसे अपने विरोधियों के साथ व्यापार युद्ध में अमेरिका और उसके किसानों की रक्षा करने का संकल्प लिया। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को जारी तथ्य पत्र में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने आयातित प्रसंस्कृत महत्वपूर्ण खनिजों तथा उनसे बने उत्पादों पर अमेरिकी निर्भरता से उत्पन्न राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों की जांच शुरू करने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसमें कहा गया, राष्ट्रपति ट्रंप ने पहले दिन ही अमेरिका की अर्थव्यवस्था को फिर से बेहतर बनाने के लिए अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ (अमेरिका पहले) व्यापार नीति की शुरुआत की। 75 से अधिक देश पहले ही नए व्यापार समझौतों पर चर्चा करने के लिए समाने आ चुके हैं। इसके परिणामस्वरूप जवाबी कार्रवाई करने वाले चीन के अलावा अन्य देशों पर अतिरिक्त शुल्क पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
 
तथ्य पत्र में विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा गया, चीन को अपनी जवाबी कार्रवाई के परिणामस्वरूप अब अमेरिका को होने वाले आयात पर 245 प्रतिशत तक शुल्क का सामना करना पड़ रहा है। चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसने अमेरिका की शुल्क नीति के खिलाफ जाते हुए जवाबी शुल्क लगाया है।
चीन ने शुक्रवार को अमेरिका से आयात पर अपने अतिरिक्त शुल्क को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया था। ट्रंप प्रशासन के चीनी निर्यात पर लगाए गए 145 प्रतिशत शुल्क के जवाब में उसने यह कदम उठाया था। अमेरिका की शुल्क बढ़ोतरी के खिलाफ चीन ने विश्व व्यापार संगठन में मामला भी दायर किया है।
 
तथ्य पत्र में चीन पर अमेरिका को गैलियम, जर्मेनियम, एंटीमनी तथा अन्य प्रमुख उच्च प्रौद्योगिकी सामग्रियों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया, प्रसंस्कृत महत्वपूर्ण खनिज तथा उससे बने उत्पाद अमेरिका के रक्षा औद्योगिक आधार के प्रमुख निर्माण खंड हैं। ये जेट इंजन, मिसाइल निर्देशन प्रणाली, उन्नत कंप्यूटिंग, रडार प्रणाली और सुरक्षित संचार उपकरण जैसे अनुप्रयोगों के लिए अभिन्न हिस्सा हैं।
इस बीच, चीन ने बुधवार को ली चेंगगांग को वाणिज्य मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रतिनिधि नियुक्त किया। चेंगगांग के पास अंतरराष्ट्रीय वार्ताओं को संभालने का दशकों का अनुभव है और वे विश्व व्यापार संगठन में चीन के राजदूत भी रह चुके हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के उस बयान के बाद यह कदम उठाया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि शुल्क गतिरोध को समाप्त करने के लिए समझौता करने की जिम्मेदारी अब चीन पर है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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