पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से 2 घंटे पूछताछ
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पनामा पेपर्स मामले की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने उन पर तथा उनके परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में गुरुवार को लगभग दो घंटे तक पूछताछ की।
पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी प्रधानमंत्री को जांच एजेंसी का सामना करना पड़ा है। शरीफ पूर्वाह्न करीब 11 बजे जांच दल के समक्ष उपस्थित हुए और उनसे लगभग दो घंटे तक पूछताछ हुई। शरीफ जब जेआईटी के कार्यालय पहुंचे, उनके साथ उनके भाई शाहबाज और उनके एक पुत्र भी थे।
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गत अप्रैल में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर शरीफ को पद से हटाए जाने संबंधी विपक्षी दलों की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि इस मामले में उनके (शरीफ) खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं है, लेकिन अदालत ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे और इसके लिए जेआईटी का गठन किया था।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि पूछताछ के बाद जेआईटी कार्यालय से बाहर निकल कर शरीफ ने कहा कि मेरे वित्तीय दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट समेत सभी संबंधित संस्थानों में जमा हैं और आज मैंने उन्हें जेआईटी में भी जमा करा दिया।
उन्होंने कहा कि इन आरोपों का प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल पूरा करने से कोई लेना-देना नहीं है और ये भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं। शरीफ ने कहा कि उन पर और उनके परिवार पर निजी स्तर पर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं पंजाब का मुख्यमंत्री था और प्रधानमंत्री के तौर पर भी यह मेरा तीसरा कार्यकाल है, लेकिन मेरे खिलाफ कभी भी वित्तीय भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा।
शरीफ ने कहा कि मैंने खुद को और अपने परिवार को हर किस्म की कार्रवाई के लिए सामने रखा है। मैंने हर तरह के वित्तीय लेन-देन का ब्योरा उपलब्ध करा दिया है। यहां तक कि मेरे जन्म से पहले के भी लेन-देन का ब्योरा संबंधित संस्थानों को सौंप दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने आगामी आम चुनावों को लेकर अपने विरोधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि अगले वर्ष इससे बड़ी जेआईटी का गठन होना है जिसमें 20 करोड़ लोग यह निर्णय लेंगे कि उनके देश के हित में किसने काम किया है। उन्होंने कहा कि हम अपने विरोधियों को विकास का पहिया उल्टा नहीं घुमाने देंगे और देश की जनता हमें 2013 की तुलना में अधिक मत से जिताएगी।
नवाज शरीफ के जेआईटी कार्यालय पहुंचने के बाद वित्त मंत्री इशाक डार और रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी वहां जाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें परिसर के अंदर घुसने से रोक दिया गया। केवल प्रधानमंत्री के निजी सचिव को अंदर जाने की इजाजत दी गई और जांच दल के पैनल के समक्ष शरीफ अकेले उपस्थित हुए।
जेआईटी ने प्रधानमंत्री के बड़े बेटे हुसैन नवाज से गत 28 मई को पूछताछ की थी। वह अब तक पांच बार जेआईटी के समक्ष उपस्थित हो चुके हैं। जेआईटी ने उनके छोटे बेटे हसन से पूछताछ की है। उनकी बेटी मरियम नवाज के खिलाफ भी आरोप हैं। प्रधानमंत्री को जारी किए गए नोटिस के मुताबिक उन्हें आरोपी के तौर पर नहीं बल्कि गवाह के रूप में जेआईटी के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है।
जेआईटी ने इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ को भी तलब किया था। नवाज शरीफ के दामाद सेवानिवृत्त कैप्टन मोहम्मद सफदर को भी 25 जून को तलब किया गया है। (वार्ता)