हिन्दुत्व की विचारधारा से और लोगों को जोड़ने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करें : मोदी
शिकागो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि हिन्दू दर्शन के विभिन्न पहलू विश्व के समक्ष पेश कई समस्याओं का हल दे सकते हैं। साथ ही उन्होंने हिन्दुत्व के विचारों से और लोगों को जोड़ने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का आह्वान किया।
मोदी ने यहां दूसरे 'विश्व हिन्दू कांग्रेस' को भेजे अपने संदेश में कहा कि विभिन्न प्राचीन महाकाव्यों एवं शास्त्रों को डिजिटल स्वरूप में लाने से युवा पीढ़ी उनके साथ बेहतर तरीके से जुड़ सकेगी। उन्होंने कहा कि यह आने वाली पीढ़ी के लिए महान सेवा होगी।
मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के युग में मैं विशेष रूप से इस सम्मेलन के सम्मानित प्रतिनिधियों का आह्वान करता हूं कि वे उन तरीकों पर विचार करें जिनके इस्तेमाल से हिन्दुत्व के विचार से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा सकता है। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में 60 से अधिक देशों के करीब 2,500 प्रतिनिधि और हिन्दू नेता शामिल हुए।
मोदी ने अपने संदेश में उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन में इस बात पर विचार किया जाएगा कि भारत अपने ज्ञान के प्राचीन खजाने के माध्यम से बौद्धिक एवं सांस्कृतिक रूप से विश्व के साथ किस तरीके से बेहतर ढंग से जुड़ सकता है। इसका मकसद यह होना चाहिए हमारी भावी पीढ़ी बेहतर ढंग से जीने और आगे बढ़ने के लिए कैसे समझ विकसित कर सके और साझेदारी कर सके। यह संदेश प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी भारत बराई ने पढ़ा।
मोदी ने कहा कि यह सम्मेलन जिस प्रकार से विचारकों, विद्वानों, बुद्धिजीवियों, प्रबुद्ध विचारकों को एकसाथ लाया है, वह सराहनीय है। हिन्दुत्व मानव जाति के इतिहास में सबसे पुराना मत है। हिन्दू दर्शन के विभिन्न पहलुओं में हम उन अनेक समस्याओं का हल निकाल सकते हैं जिन्हें विश्व ने आज जकड़ा हुआ है।
मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि यह सम्मेलन उसी शिकागो में हो रहा है, जो प्रत्येक भारतीय को उस गौरवान्वित क्षण की याद दिलाता है, जब स्वामी विवेकानंद ने 1893 में 'विश्व धर्म संसद' को संबोधित किया था। वह भी 125 वर्ष पहले सितंबर के महीने में ही। (भाषा)