गुरुवार, 28 नवंबर 2024
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Written By Author राम यादव

रूसी सांसद अंतोव की भारत में रहस्यमय मौत, यूक्रेन युद्ध को बताया था 'आतंक', दाह संस्कार पर भी उठे सवाल

रूसी सांसद अंतोव की भारत में रहस्यमय मौत, यूक्रेन युद्ध को बताया था 'आतंक', दाह संस्कार पर भी उठे सवाल - Mysterious death of Russian MP Pavel Antov in India
रूस के एक सांसद की रविवार, 25 दिसंबर को भारत में कथित तौर पर एक होटल की तीसरी मंजिल से गिरकर मृत्यु हो गई। भारतीय पुलिस जांच कर रही है कि यह घटना एक आत्महत्या थी या दुर्घटना। स्थानीय पुलिस निरीक्षक ने मीडिया को बताया कि 65 वर्षीय पावेल अंतोव अपना जन्मदिन मनाने के लिए ओडिशा आए थे। 
 
आत्महत्या की बात पर बहुत-से लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है। वे कहते हैं कि जब से रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया है, तब से वहां के कई प्रभावशाली रूसी उद्योगपतियों और करोड़पतियों की असामान्य मौतें होने की ख़बरें आती रही हैं। कुछ मौतें विदेशों में भी हुई हैं। सभी ख़बरें यदि सच न भी रही हों, तब भी कुछेक सच हो भी तो सकती हैं। पावेल अंतोव को भी एक ऐसा करोड़पति बताया जा रहा है, जो रूस में मांसाहारी उत्पादों का एक नामी उद्योगपति रहा है। इसके अलावा अंतोव, रूस में 'व्लादिमीर' कहलाने वाले प्रदेश में राष्ट्रपति पुतिन की सत्ताधारी पार्टी 'एकीकृत रूस' के सांसद भी थे।
 
यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध को 'आतंक' बताया था : यूक्रेनी मीडिया ने याद दिलाई कि पावेल अंतोव ने यूक्रेन के विरुद्ध रूस के युद्ध को, कुछ समय पूर्व, सोशल मीडिया पर 'आतंक' बताया था। किंतु, उन्होंने जल्द ही अपनी यह टिप्पणी हटा ली और राष्ट्रपति पुतिन के प्रति पूर्ण निष्ठा व्यक्त की। हो सकता है कि राष्ट्रपति पुतिन तब भी संतुष्ट न रहे हों।
 
'व्लादिमीर' की क्षेत्रीय विधानसभा ने पावेल अंतोव की असामयिक मृत्यु पर एक शोकपत्र प्रकाशित किया है। इस शोकपत्र में वहां के विधायकों ने उनकी मृत्यु को एक दुखद 'त्रासदी' बताते हुए लिखा है कि वे कर्मठ ऊर्जा और विविध योजनाओं के विचारों से भरे हुए थे। वे इस क्षेत्र में सांस्कृतिक परियोजनाओं के सबसे सक्रिय संरक्षकों में से एक थे। उनका देहांत 'व्लादिमीर' क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है।
 
दाह संस्कार कर दिया गया : ओडिशा के स्थानीय पुलिस निरीक्षक ने भारतीय समाचार एजेंसी 'एएनआई' को बताया कि रविवार, 25 दिसंबर को अंतोव की मौत से तीन दिन पहले, उनके तीन साथियों में से एक की उसी होटल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। अपने इस दोस्त की मौत के बाद से अंतोव काफ़ी उदास थे। दोनों के शवों का दाह संस्कार कर दिया गया। इन रूसियों के भारतीय गाइड ने समाचार एजेंसी 'एएनआई' को बताया कि जब वे होटल में चेक-इन करा रहे थे, तब उनके पास शराब थी और वे नशे में थे। 
 
प्रश्न उठता है कि शवों का दाह संस्कार किसके कहने पर किया गया? मृतक भारतीय या हिंदू तो नहीं थे कि उनका दाह संस्कार होना चाहिए। आम तौर पर होता यह है कि विदेश में किसी की मृत्यु हो जाने पर उसके दूतावस से और परिजनों से संपर्क कर पूछा जाता है कि शव के साथ अब क्या किया जाए। परिजन, स्वाभाविक है, यही चाहते हैं कि शव अंतिम संस्कार के लिए विमान से उनके पास भेजा जाए। सारा ख़र्च वे उठाएंगे। कुछ मामलों में संबद्ध देश का दूतावास आवश्यक व्यवस्था करता है।
 
करोड़पति थे अंतोव : पावेल अंतोव एक सांसद और करोड़पति थे। उनके परिजनों ने तो यह नहीं कहा होगा कि हम उन्हें रूस लाने और वहां उनका अंतिम संस्कार करने के समर्थ नहीं हैं। तीन ही दिनों के भीतर दो धनीमानी रूसियों की भारत के एक होटल में मृत्यु और उनका झटपट दाह संस्कार ढेर सारे संदेह पैदा करता है। इसे साक्ष्य नष्ट करना भी कहा जा सकता है। यदि ऐसा हुआ है, तो संदेह की सुई रूसी सरकार और भारत में उसके दूतावास पर जाना स्वाभाविक है। 
   
सितंबर की शुरुआत में, रूसी तेल कंपनी 'लुकोइल' के निदेशक मंडल के अध्यक्ष रविल मगानोव के बारे में कहा गया कि उनकी मास्को के एक अस्पताल की खिड़की से गिर जाने के कारण मृत्यु हो गई। अप्रैल में, रूस के 'गाज़प्रॉमबैंक' के पूर्व उप-प्रमुख व्लादिस्लाव अवायेव को उनकी पत्नी और बेटी के साथ मास्को के उनके अपार्टमेंट में मृत पाया गया। जांचकर्ताओं ने कहा कि 51 वर्षीय अवायेव ने खुद ही अपने परिवार को और अपने आप को मार डाला। लेकिन, उनके पड़ोसियों को इस पर विश्वास नहीं होता।
 
बार-बार सुनने में यही आता है कि जिस किसी ने राष्ट्रपति पुतिन के बारे में या यूक्रेन के विरुद्ध उनके युद्ध के बारे में ऐसी कोई टिप्पणी की, जिससे उनकी आलोचना की गंध आती हो, उसकी ख़ैर नहीं रही। ऐसी कई कथित मौतें, खिड़की से गिरकर या सड़क दुर्घटना में हुई मौतें घोषित कर दी गईं।
 
पुतिन पलायन की उधेड़बुन में भी हैं : दूसरी ओर, राष्ट्रपति पुतिन अपने भविष्य को लेकर चिंतित भी लगते हैं। उनके भाषणों के लेखक रह चुके अब्बास गलयामोव ने टेलीग्राम कहलाने वाले सोशल मीडियम पर 6 दिसंबर को लिखा कि पुतिन के सबसे विश्सनीय सलाहकारों ने पिछले वसंतकाल से ही सोचना शुरू कर दिया कि युद्ध हारने और ज़रूरत पड़ने पर वे कहां भागकर अपने आप को बचाएंगे। गलयामोव 2010 तक पुतिन के भाषण लिखा करते थे।  
 
गलयामोव ने लिखा है कि पुतिन की पहली पसंद चीन था, पर उनका समझना था कि 'चीनी अपने आप में ही मशगूल रहते हैं और वे हारने वालों को कतई पसंद भी नहीं करते' इसलिए चीन कोई अच्छा विकल्प नहीं होगा। फिलहाल अर्जेन्टीना उनकी पसंद में सबसे ऊपर है। उनकी दूसरी पसंद है वेनेजुएला। वेनेजुएला इसलिए, क्योंकि पुतिन के दाहिने हाथ के समान उनके चहेते धनकुबेर, इगोर सेचिन की वहां के राष्ट्रपति निकोलस मदूरो से बहुत पटती है। मदूरो भी पुतिन की तरह ही अधिनायकवादी हैं। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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