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Last Modified: वॉशिंगटन/ इरबिल , सोमवार, 17 अक्टूबर 2016 (11:34 IST)

मोसुल में आईएस विरोधी अभियान निर्णायक मोड़ पर

मोसुल में आईएस विरोधी अभियान निर्णायक मोड़ पर - Mosul
वॉशिंगटन/ इरबिल। अमेरिकी विदेश मंत्री एश्टन कार्टर ने कहा है कि इराकी शहर मोसुल को आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के कब्जे से वापस लेने के लिए चलाया जा रहा अभियान इस जिहादी समूह को हराने की दिशा में अहम कदम है।

 
कार्टर ने इराक के लिए समर्थन जारी रखने का वादा करते हुए रविवार को एक बयान में कहा कि आईएसआईएल को परास्त करने के लिए यह एक निर्णायक पल है तथा हमें पूरा विश्वास है कि हमारे इराकी भागीदार मोसुल और शेष इराक को आईएसआईएल के क्रूर शिकंजे से मुक्त कराने में एवं हमारे साझा शत्रु के खिलाफ अवश्य जीतेंगे। 
 
कार्टर ने जोर देते हुए कहा कि इस कठिन लड़ाई में अमेरिका और शेष अंतरराष्ट्रीय गठबंधन इराकी सुरक्षा बलों, पेशमेरगा लड़ाकों और इराक की जनता के साथ खड़े हैं। इराक के उत्तरी शहर मोसुल में जून में आईएस प्रमुख अबु बकर अल बगदादी ने खलीफा शासन लगाने का ऐलान किया था तथा इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर आईएस ने कब्जा कर लिया था। तब से ईरान और अमेरिका नीत गठबंधन के सहयोग से इराकी बलों ने आईएस के कब्जे से काफी हिस्से को मुक्त कराते हुए अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। मोसुल इराक में इस चरमपंथी समूह का अंतिम बड़ा गढ़ है।
 
इराकी बल बीते कुछ दिनों से शहर के इर्द-गिर्द गश्त लगा रहे हैं। उनमें विशिष्ट बलों के सदस्य भी शामिल हैं। मोसूल में 10 लाख से ज्यादा नागरिक रहते हैं। जून 2014 में इस शहर पर आईएस के लड़ाकों ने कब्जा कर लिया था। तब आतंकियों ने इराक के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा जमा लिया था जिसके बाद से देश मुश्किल हालात से गुजर रहा था। इससे पहले 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में यहां आक्रमण हुआ था तब ऐसे हालात बने थे।
 
मोसूल को कब्जे में लेने के बाद आईएस प्रमुख अबु बकर अल बगदादी ने खलीफा शासन लगाने का ऐलान किया था। किसी समय एक तिहाई इराक और सीरिया पर खलीफा का ही शासन था।
 
लेकिन बीते 1 साल से इराक में आतंकियों को युद्ध में मुंह की खानी पड़ रही है और देश में उनकी सत्ता मोसूल और उत्तरी तथा पश्चिमी क्षेत्र में स्थित छोटे-मोटे शहरों तक सीमित रह गई है। मोसूल देश की राजधानी बगदाद से करीब 360 किमी दूर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। मोसूल को वापस पाने का अभियान इराकी सेना के लिए आसान नहीं होगा। 2014 में सेना को हार का सामना करना पड़ा था जिसके बाद से वह अपनी शक्ति जुटाने की कोशिश कर रही है।
 
इधर, इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल अब्दी ने उत्तरी शहर मोसुल को आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के कब्जे से आजाद करने के लिए सैन्य अभियान प्रारंभ करने की सोमवार को घोषणा की। इसके साथ ही 5 साल पहले अमेरिकी सेना के यहां से चले जाने के बाद देश की सबसे कठिन लड़ाई शुरू हो गई है।
 
इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर से आईएस को बाहर करने के लिए व्यापक सैन्य अभियान प्रारंभ किए जाने के बारे में इराक के सरकारी टीवी ने सोमवार को तड़के संक्षिप्त वक्तव्य जारी किया। इसमें प्रधानमंत्री विशिष्ट आंतकनिरोधी बलों जैसी वर्दी पहने दिख रहे हैं और उनके इर्द-गिर्द वरिष्ठ सैन्य अधिकारी खड़े हैं।
 
अपने संबोधन में अब्दी ने मोसुल के निवासियों से कहा कि ये बल सोमवार को आपको आजाद करवाएंगे। मोसूल में उनका एक ही लक्ष्य है और वह है आपको दाएश (आईएस) से छुटकारा दिलाना और आपको आपका आत्मसम्मान वापस दिलाना। बल वहां आपकी मदद के लिए है। 
इस संबोधन के कुछ ही मिनटों बाद सरकारी प्रसारणकर्ता ने देशभक्ति से ओत-प्रोत संगीत का प्रसारण किया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक निनेवेह मैदानी इलाकों से मोसूल की दिशा में बम के गोले दागने की गड़गड़ाहट सुनाई दे रही थी।
 
अमेरिकी बलों के 2011 में यहां से हटने के बाद से मोसूल को वापस पाने का अभियान इराक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान है। यह सफल रहता है तो इस्लामिक स्टेट को इससे बड़ा झटका लगेगा। अल अब्दी की वेबसाइट पर एक वक्तव्य में कहा गया है कि शहर को वापस पाने की लड़ाई नए दौर की शुरुआत होगी, जो इस साल इराक के सभी इलाकों को आतंकवादियों से मुक्त करने के अंजाम तक पहुंचाएगी।
 
अमेरिकी विदेश मंत्री एश्टन कार्टर ने वॉशिंगटन में कहा है कि इराकी शहर मोसुल को आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के कब्जे से वापस लेने के लिए चलाया जा रहा अभियान इस जिहादी समूह को हराने की दिशा में अहम कदम है। (भाषा)
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