उन्होंने कहा कि करीब 2.7 करोड़ कांगो नागरिकों की जिंदगियां बचाने के लिए फौरन कदम उठाने की आवश्यकता है। कांगो में विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रतिनिधि पीटर मुसोको ने कहा कि पहली बार हम इतनी बड़ी आबादी का विश्लेषण कर पाए और इससे हमें कांगो गणराज्य में खाद्य असुरक्षा की असली तस्वीर सामने लाने में मदद मिली। दोनों एजेंसियों के अनुसार सबसे प्रभावित लोगों में विस्थापित, शरणार्थी, बाढ़, भूस्खलन, आग तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोग तथा शहरी और आसपास के इलाकों के गरीब लोग शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कांगो में एक के बाद एक संघर्ष खत्म होने के बाद उस पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इन संघर्षों ने साल 2002 तक मध्य अफ्रीकी देश को काफी हद तक तबाह कर दिया। देश के खनिज संपन्न पूर्वी सीमा क्षेत्र में हिंसा की छिटपुट घटनाएं अब भी होती रहती हैं। (भाषा)