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Last Updated :काबुल , सोमवार, 4 जनवरी 2016 (15:35 IST)

मजार-ए-शरीफ में भीषण लड़ाई जारी, भारतीय सुरक्षित

मजार-ए-शरीफ में भीषण लड़ाई जारी, भारतीय सुरक्षित - Mazar-e-Sharif in afghanistan
काबुल। अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ शहर में स्थित भारतीय राजनयिक मिशन में आतंकियों की घुसने की कोशिश के घंटों बाद भी वहां भीषण लड़ाई जारी है और सुरक्षा बल इलाके की छानबीन में लगे हुए हैं। भारतीय राजदूत का कहना है कि वाणिज्य दूतावास में सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं।

अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत अमर सिन्हा ने बताया कि मजार-ए-शरीफ में विशेष बल छानबीन अभियान चला रहे हैं तथा भीषण लड़ाई जारी है और बल्ख प्रांत के गवर्नर अता मोहम्मद नूर खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। एक ट्वीट में सिन्हा ने बताया कि वाणिज्य दूतावास में सभी लोग सुरक्षित हैं।

रविवार रात आतंकियों ने मजार-ए-शरीफ स्थित भारतीय राजनयिक मिशन में घुसने की कोशिश की और विस्फोट तथा गोलीबारी की आवाजें सुनाई दीं। भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की कोशिश करने वाले कम से कम 2 अज्ञात हमलावरों के साथ भारतीय और अफगान सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से लोहा लिया। सूत्रों के अनुसार समझा जाता है कि सभी 4 या 5 हमलावरों ने इस हमले को अंजाम दिया।

उन्होंने बताया कि अफगान सुरक्षा बल तथा भारत के भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की एक टुकड़ी ने जवाबी कार्रवाई की। बीती रात वाणिज्य दूतावास के समीप एक इमारत से रुक-रुककर गोलीबारी होती रही। समझा जाता है कि उच्च सुरक्षा वाले परिसर में घुसने का प्रयास करने वाले 4 से 5 आतंकियों में से 2 या 3 अब तक सक्रिय हैं।

सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बाद 2 हमलावर मारे गए। भारतीय मिशन पर रविवार को स्थानीय समयानुसार रात्रि 9 बजकर 15 मिनट पर आतंकियों ने हमला किया और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए अभियान अभी भी जारी है। दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हो रही है और अफगान बल वाणिज्य दूतावास की इमारत में प्रवेश का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सभी भारतीय कर्मी सुरक्षित हैं। बंदूकधारियों ने रविवार को पिछले हिस्से से वाणिज्य दूतावास में घुसने की कोशिश की और गोली चलाई। उनका निशाना चूक गया और गोली भारतीय वाणिज्य दूतावास की इमारत से करीब 100 मीटर दूर अलमास वेडिंग हॉल नामक इमारत में लगी। भारतीय परिसर को निशाना बनाकर कम से कम 4 से 5 रॉकेट और कई गोलियां चलाई गईं। उनमें से कोई भी इमारत को नहीं लगी।

सूत्रों ने बताया कि अफगान सुरक्षा बलों ने बाहरी हिस्से में कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया है और आईटीबीपी के कर्मी परिसर के पास घेरा बनाए हुए हैं। बल से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वाणिज्य दूतावास के बाहर कोई आवाजाही न हो।

अब तक किसी भी गुट ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। यह हमला पंजाब के पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर पाकिस्तानी आतंकियों के हमले के 1 दिन बाद हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 दिसंबर को संक्षिप्त प्रवास में काबुल गए थे, जहां उन्होंने भारत द्वारा 9 करोड़ डॉलर की लागत से निर्मित अफगान संसद की नई इमारत का उद्घाटन किया था। (भाषा)