पानी में मीटरों नीचे हुई थी सरकार की बैठक
माले, मालदीव। भारत से सिर्फ 600 किमी दूर स्थित देश मालदीव में इमरजेंसी लगी है और देश में राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण है। मालदीव करीब 1200 आईलैंड पर बसा हुआ छोटा सा देश है और इसकी कई बातें काफी अनोखी हैं।
यह देश पर्यटकों के लिए स्वर्ग जैसा माना जाता है लेकिन विदित हो कि मालदीव वह देश है जहां दुनिया की पहली अंडरवाटर कैबिनेट मीटिंग हुई थी। पानी के 6 मीटर नीचे राष्ट्रपति और अन्य मंत्रियों ने अपनी बैठक की थी।
अक्टूबर 2009 में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद थे और उन्होंने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को सामने लाने के लिए पानी के भीतर मंत्रिमंडल की बैठक रखी थी। विदित हो कि दिसंबर 2009 में कोपेनहेगन में यूएन क्लाइमेट चेंज पर कॉन्फ्रेंस होनी थी और इसी से पहले यह अहम संदेश देने के लिए ऐसा किया गया था।
उल्लेखनीय है कि मालदीव छोटे-छोटे द्वीपों पर बसा है और ये समुद्रतल से औसतन 2.1 मीटर की ऊंचाई पर हैं। ऐसे में जलवायु परिवर्तन होने पर अगर समुद्र का जलस्तर बढ़ता है तो इनके डूब जाने का खतरा बना हुआ है। 30 मिनट की इस मीटिंग का उद्देश्य यह दिखाना था कि मालदीव का भविष्य कैसा हो सकता है।
पानी के अंदर हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रियों ने हाथ के इशारे और व्हाइट बोर्ड के जरिए अपनी बात रखी थी। अगर आम दिनों की बात करें तो मालदीव बेहद खास तरह का देश है। यहां हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं। पर्यटन यहां का सबसे बड़ा उद्योग है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में 12 लाख विदेशी पर्यटक इस छोटे से देश में आए थे। पर्यटकों के लिए मालदीव स्वर्ग जैसा है और यहां तुलनात्मक रूप से सस्ते में लग्जरियस लाइफ जीने का मौका मिल पाता है। यहां एक द्वीप से दूसरे द्वीप पर जाने के लिए खास तौर से फेरी का इस्तेमाल किया जाता है।