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Last Updated :लंदन , शनिवार, 14 मार्च 2015 (18:08 IST)

ब्रिटिश संसद के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण

ब्रिटिश संसद के सामने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण - Mahatma Gandhi statue in front of British Parliament
लंदन। शहर के पार्लियामेंट स्क्वायर में शनिवार को महात्मा गांधी की एक ऐतिहासिक कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। गांधी की इस प्रतिमा के पास ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और नेल्सन मंडेला जैसे महान नेताओं की प्रतिमाएं लगी हुई हैं।

भारत के राष्ट्रपिता की 9 फुट की इस प्रतिमा के अनावरण के लिए आयोजित समारोह में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली, हिन्दी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन और गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी मौजूद थे।

गांधी पहले भारतीय और कभी भी किसी पद पर न रहे ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिनकी मूर्ति यहां लगाई गई है। कैमरन और जेटली ने गांधी के पसंदीदा भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ के उच्चारणों के बीच संयुक्त रूप से प्रतिमा का अनावरण किया।

इस मौके पर कैमरन ने कहा कि यह प्रतिमा विश्व राजनीति की सबसे महान हस्तियों में से एक को दी जाने वाली भव्य श्रद्धांजलि है और इस प्रसिद्ध चौक पर महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाकर हमने उन्हें अपने देश में एक शाश्वत जगह दे रहे हैं। गांधी के कुछ प्रसिद्ध शब्दों का उल्लेख करते हुए कैमरन ने कहा कि गांधी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं।

उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच अद्भुत रूप से विशेष दोस्ती और साथ ही गांधी के संदेशों की वैश्विक ताकत का प्रतीक है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के साथ हमारे संबंध हमेशा से करीबी बने हुए हैं और समानता के साथ परस्पर सम्मान, सहयोग एवं व्यापार और निस्संदेह रूप से ब्रिटेन में रहने वाले 15 लाख भारतीयों के माध्यम से इनका प्रगाढ़ होना जारी है जिन्होंने उस ब्रिटेन के निर्माण में बहुत योगदान दिया है जो आज वह है। यह दोनों देशों को उनके लाभ के लिए करीब लाया है।

विशेष तौर पर प्रतिमा के अनावरण के लिए ब्रिटेन आमंत्रित किए गए जेटली ने कहा कि यह ब्रिटिश शिष्टाचार की भावना का प्रतीक है कि उन्होंने अब एक ऐसे व्यक्ति को सम्मानित किया है जिसे पारंपरिक रूप से उनका विरोधी समझा जाता है।

जेटली ने कहा कि यह ब्रिटेन की उदारता और ब्रिटिश लोकतंत्र का एक महान योगदान है कि उन्होंने अब गांधी को इस देश के सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल पर जगह दी है। यह एक महान दिन है जब दो विरोधी और विपरीत दृष्टिकोण एक दूसरे की सराहना के लिए मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा यह सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि आने वाली पीढ़ियों के लिए गांधी की विरासत जिंदा रहे। यह दोनों देशों के मजबूत संबंधों के जश्न का एक महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक क्षण है। भारत और ब्रिटेन एक जैसे मूल्य साझा करते हैं और हमारे बीच एक बराबरी की भागीदारी है। यह स्थायी दोस्ती गांधी द्वारा छोड़ी गई कई विरासतों में से एक है जिसे लेकर मैं उत्सुक हूं कि हम इसे मजबूत बनाने के लिए कड़ी मेहनत करें।’ (भाषा)