तालिबान को अब भी सहयोग करता है आईएसआई
वॉशिंगटन। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई सीमावर्ती क्षेत्र में तालिबान को अब भी चोरी-छिपे सहयोग करती है। अमेरिकी मीडिया की शुक्रवार की रिपोर्ट में यह दावा किया गया। 'वॉशिंगटन टाइम्स' की एक खोजपूर्ण रिपोर्ट में पाकिस्तानी सीमा क्षेत्र में उन विशिष्ट मोहल्लों और आसपास के इलाकों का जिक्र है जिन्हें तालिबान आतंकवादी पनाहगाह की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अफगानिस्तान से आतंकवादी बेधड़क पाकिस्तानी सेना के गढ़ क्वेटा में आते जाते हैं, जहां वे सेना एवं इंटरसर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के अधिकारियों से मिलते हैं। अखबार ने अज्ञात खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा कि हमारा मानना है कि शीर्ष तालिबान नेतृत्व पश्तूनाबाद, गुलिस्तान और आसपास के इलाकों से संचालित हो रहा है।
इसके अनुसार क्वेटा से 44 किलोमीटर दूर एक छोटा-सा सीमावर्ती जिला किला अब्दुल्ला भी ऐसा ही अन्य इलाका है, जहां तालिबान आईएसआई के साथ काम कर रहा है। जिले के अंदर चमन नामक एक इलाके की सीमा अफगानिस्तान से मिलती है जिसे तालिबान का गढ़ माना जाता है। आतंकवादी वहां मुक्त रूप से अपनी गतिविधि चलाते हैं।
स्थानीय लोग उन्हें 'तालिब्स' के नाम से जानते हैं। सूत्र के अनुसार स्वचालित हथियारों से लैस तालिबान के लड़ाकों को मोटर बाइक या चार पहिया वाहनों पर 2 से लेकर 5 साथियों के साथ कुचलक की सड़कों पर आते-जाते देखा जाता है।
'वॉशिंगटन टाइम्स' ने कहा कि आईएसआई अपने एसयूवी का इस्तेमाल कर सुरक्षा गश्त लगाकर तालिबान को कुचलक के मुख्य मार्ग के पास आवागमन में मदद उपलब्ध कराती है। अखबार लिखता है कि आईएसआई सुरक्षा क्षेत्र में एक खुला रहस्य है। स्थानीय पुलिस को अफगानिस्तान से तालिबान के आवागमन को रोकने की इजाजत नहीं है और ये लड़ाके खुद को तालिब्स बताकर नाकों पर पहचान दिखाने के अनुरोध को इंकार कर देते हैं।
बताया जाता है कि पाकिस्तानी अर्द्धसैनिक बलों के गढ़ चमन सिटी के निकट गुलदारा बागीचा तालिबान के परिवारों का प्रमुख निवास स्थल है और आईएसआई ने इस इलाके में स्थानीय पुलिस एवं पाकिस्तान फ्रंटियर कोर के प्रवेश एवं गश्त पर रोक लगा रखी है।
अखबार के अनुसार इसके पास के इलाके किली जहांगीर में भी प्रतिबंधित क्षेत्र है, क्योंकि इसके निकट ही तालिबान परिवार रहते हैं। खुफिया सूत्र ने बताया कि पश्चिमी बलों के खिलाफ अफगानिस्तान में इनके अभियान के बाद दक्षिण चमन की जंगल पीरालिजिया तालिबान का पनाहगाह बन गया है।
इसके अनुसार स्थानीय पुलिस एवं तालिबानी लड़ाकों के बीच संघर्ष देखे जाते हैं और ऐसी स्थिति में पुलिस जब तालिबान लड़ाकों को गिरफ्तार करती है तो आईएसआई तुरंत दखल देकर उन्हें रिहा करा लेती है। इस बीच पेंटागन ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ और अधिक कदम उठाए।
पेंटागन की मुख्य प्रवक्ता डाना व्हाइट ने कहा कि रक्षामंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान इस संबंध में और अधिक कार्रवाई कर सकता है और हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में और अधिक कदम उठाएगा। (भाषा)