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ईसा मसीह की पत्नी और उनके दो बच्चे थे!

ईसा मसीह की पत्नी और उनके दो बच्चे थे! - isa masih wife mary magdalene
लंदन। ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार ईश्‍वर के पुत्र ईसा मसीह के बारे में एक नया खुलासा सामने आया है। इस खुलासे में कहा गया है कि यीशु ने उनकी शिष्या मेरी मेग्दलीन से विवाह किया था जिनसे उनको दो बच्चे भी हुए थे। ईसाई धर्म को स्थापित करने वाले रोमन धर्माचार्यों ने मेरी मेग्दलीन को वेश्या बताया था। क्यों?

ईसा मसीह और मेरी मेग्दलीन के संबंधों को लेकर अब तक तरह-तरह के कयास लगाए जाते रहे हैं और कई हॉलीवुड फिल्मों में मेरी के प्रति ईसा मसीह के प्रेम को दर्शाया गया है। फिर भी अब तक इस बात का कहीं भी कोई सबूत नहीं मिला था जिससे ईसा मसीह और मेरी के संबंधों का पता चलता।

ब्रिटिश दैनिक 'द इंडिपेंडेंट में प्रकाशित रिपोर्ट में 'द संडे टाइम्स' के हवाले से बताया गया है कि ब्रिटिश लाइब्रेरी में 1500 साल पुराना एक दस्तावेज मिला है जिसमें एक दावा किया गया है कि ईसा मसीह ने न सिर्फ मेरी से शादी की थी बल्कि उनके दो बच्चे भी थे।

प्रोफेसर बैरी विल्सन और लेखक सिमचा जैकोविक ले. 'लोस्ट गौस्पेल' के नाम से जाने जाने वाले इस दस्तावेज को अरामाइक भाषा से अनूदित करने में महीनों लगे रहे।

इन्होंने दावा किया है कि ईसा मसीह की पत्नी मेरी मेग्दलीन है। इससे पहले भी ईसा मसीह के बारे में लिखी गई किताबों में मेरी का अकसर जिक्र होता रहा है और ईसा मसीह के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों मे उनकी मौजूदगी रही है।

इससे पहले भी ईसा मसीह के बारे में लिखी गई किताबों में मेरी का अक्सर जिक्र होता रहा है और ईसा मसीह के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों में उनकी मौजूदगी रही है। ट्रांसलेटेड किताब को पीगैसस प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।

चर्च ने इसकी तुलता डैन ब्राउन के 2003 के उपन्यास विंची कोड से की है, जिसमें मेरी और ईसा मसीह के बीच संबंधों की बात कही गई थी। इस दावे पर और ज्यादा तूफान उठने की आशंका है।

मेरी मेग्दलीन यीशु की शिष्या थी या पत्नी इस संबंध में विवाद है। यरुशलम की ओल्ड सिटी की दीवारों के बाहर लॉयन गेट के आगे इनके नाम का एक प्राचीन चर्च है। मान्यता अनुसार जब प्रभु यीशु पुन: जी उठे थे तब यही एकमात्र गवाह थी।

इससे पहले उपन्यासकार डैन ब्राउन ने अपने उपन्यास 'दा विंची कोड' के माध्यम से इस बात को उजागर किया था। डैन ब्राउन ने बरसों असली दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद यह उपन्यास लिखा है- वे दस्तावेज जिन्हें आज तक स्थापित धर्म ने दफना दिया था और गुह्य समूहों ने जीवित रखा था। विख्यात चित्रकार लिओनार्दो द विंची ऐसे ही गुह्य समूह का एक सदस्य था इसलिए उसने अपनी पेंटिंग्स में कुछ सूत्र, कुछ इशारे छुपाए हैं जिन्हें अनकोड किया जा सकता है।

डैन ब्राउन जब स्पेन के एक विश्वविद्यालय में कला का इतिहास सीख रहे थे, तो वहां पहली बार उन्हें द विंची के चित्रों में छुपे हुए रहस्यों का पता चला। फिर बरसों बाद वेटिकन के गुप्त आर्काइव्स का अध्ययन करते समय उनके सामने फिर एक बार द विंची के चित्रों का रहस्य उभर आया। फिर वे पैरिस के लूव्र संग्रहालय में गए और एक विशेषज्ञ की मदद से उन्होंने लिओनार्दो द विंची के चित्रों का रहस्य उघाड़ने की कोशिश की।

उन चित्रों के विलक्षण पहलुओं को जानने के बाद डैन ब्राउन की सर्जनशील प्रतिभा को इस विषय ने पकड़ लिया, और उन्होंने ईसाइयत से संबंधित उन सभी दस्तावेजों को छान मारा जो अब तक हाशिए में थे लेकिन जो जीसस के वास्तविक रूप को प्रकट करते थे। और जो तथ्य सामने आए वे वाकई आश्चर्यजनक थे। (एजेंसी)