दिसंबर और क्रिसमस के पहले ही क्यों आती है तबाही फैलाने वाली प्राकृतिक आपदाएं...
इंडोनेशिया में सुनामी ने तबाही मचा दी है। इस प्राकृतिक आपदा ने 281 जिंदगियों को लील लिया और इसमें 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए। हजारों लोग लापता हो गए हैं। इंडोनेशिया की भू-गर्भीय एजेंसी सुनामी का असली कारण पता लगाने में जुटी है।
पहले अधिकारियों ने यह दावा किया था कि यह सुनामी नहीं है और सिर्फ समुद्र में उठीं ऊंची लहरें हैं। पिछले कुछ वर्षों में दुनिया में दिसंबर महीने और क्रिसमस के दौरान ही इंसानों पर प्रकृति के कोप की ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। पिछले कुछ सालों में दिसंबर माह और क्रिसमस से पहले ही भूकंप और सुनामी की ऐसी घटनाएं सामने आई हैं।
इंडोनेशिया के मौसम विज्ञान और भू-गर्भ एजेंसी के वैज्ञानिकों ने कहा कि अनाक क्राकाटाओ ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे भूस्खलन सुनामी का कारण हो सकता है। चौंकाने वाली बात है कि कई प्राकृतिक आपदा की ऐसी घटनाएं दिसंबर या फिर क्रिसमस से पहले हुई हैं।
12 वर्ष पहले ही 26 दिसंबर 2004 को हिन्द महासागर में आई सुनामी ने भारत सहित दुनिया के कई देशों में ऐसी तबाही मचाई थी, जिससे उबरने में उसे कई साल लग गए थे। इस आपदा में दुनिया के 13 देश प्रभावित हुए थे। भारत में इस आपदा में 16279 लोगों की मौत हो गई थी।
हिन्द महासागर के तटीय क्षेत्रों में 9.15 की तीव्रता के भूकंप के आने के बाद सुनामी की लहर पैदा हुई थी। इस आपदा से भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया और मलेशिया में 2 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। सबसे ज्यादा मार इंडोनेशिया, दक्षिण भारत और श्रीलंका पर पड़ी। इस आपदा में 7 लाख 30 हजार लोग विस्थापित हो गए थे।
2 दिसंबर 2015 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई को प्रकृति के रौद्र रूप का सामना करना पड़ा जब भारी वर्षा के परिणामस्वरूप पूरा चेन्नई शहर एक टापू में बदल गया तथा देश के अन्य भागों से इसका संपर्क टूट गया। 2 दिसंबर को हुई भारी वर्षा ने दक्षिण भारत के केवल तमिलनाडु राज्य में ही नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश एवं पुडुचेरी के कुछ क्षेत्रों में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी। चेन्नई शहर को सर्वाधिक क्षति हुई तथा चेन्नई में 2-3 दिसंबर, 2015 को पिछले 100 वर्षों में सर्वाधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई।
दिसंबर 2016 में इंडोनेशिया के पश्चिमी प्रांत आचेह में आए भूकंप में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य घायल हो गए और हजारों लोग बेघर हो गए थे।
इंडोनेशिया में क्यों आती हैं इतनी प्राकृतिक आपदाएं : इंडोनेशिया एक एक्टिव भूकंप जोन में स्थित है। इसी कारण यहां इतने ज्यादा भूकंप और सुनामी आते हैं। इंडोनेशिया प्रशांत महासागर में स्थित 'रिंग ऑफ फायर' का हिस्सा है।
रिंग ऑफ फायर प्रशांत महासागर के बेसिन का इलाका है, जहां पर कई ज्वालामुखी फटते रहते हैं और तगड़े भूकंप के झटके आते हैं। भूकंप के चलते ही इसके आसपास के समुद्रों में सुनामी का जन्म होता है। यह रिंग ऑफ फायर का इलाका करीब 40 हज़ार किमी के दायरे में फैला है। यहां पर विश्व के कुल एक्टिव ज्वालामुखियों के 75 फीसदी ज्वालामुखी हैं।