मसूद अजहर मामले में भारत सुरक्षा परिषद से नाराज
संयुक्त राष्ट्र। भारत ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित विभिन्न आतंकवादी संगठनों के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने में विफल रहने पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आलोचना की है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सईद अकबरूद्दीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपना उत्तरदायित्व ठीक से नहीं निभा रहा है।
अकबरूद्दीन का यह बयान चीन की ओर से पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध का विरोध करने के बाद आया है। उल्लेखनीय है कि चीन ने मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लगाने संबंधी भारत के प्रयासों का विरोध किया था।
अकबरूद्दीन ने कहा कि सुरक्षा परिषद एक ऐसी निकाय है जो छह महीने के भीतर विभिन्न आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विचार करती है। अकबरूद्दीन ने कहा कि यदि इस दौरान भी कोई निर्णय नहीं लिया जाता तो परिषद तीन महीने का अतिरिक्त समय लेकर मामले पर पुन: विचार करती है।
अकबरूद्दीन ने यह बयान संयुक्त राष्ट्र के कार्यों पर महासचिव की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर बहस के दौरान दिया।
गौरतलब है कि 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में केवल चीन ही एक ऐसा देश है जिसने जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया था। (वार्ता)