• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. India and US enter into next generation partnership
Written By
Last Updated :वॉशिंगटन , गुरुवार, 22 जून 2023 (17:09 IST)

Modi's US visit: मोदी-बाइडन ऐतिहासिक शिखर बैठक में होंगे अनेक समझौते

Modi's US visit: मोदी-बाइडन ऐतिहासिक शिखर बैठक में होंगे अनेक समझौते - India and US enter into next generation partnership
Modi's US visit: व्हाइट हाउस (White House) ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के अगली पीढ़ी में प्रवेश करने का उल्लेख करते हुए गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के बीच यहां ऐतिहासिक शिखर बैठक में जेट इंजन के सह-उत्पादन सहित कुछ बड़े रक्षा सौदे होंगे।
 
मोदी और बाइडन उच्च-स्तरीय वार्ता करने से पहले गुरुवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में एक बैठक करेंगे। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दोनों नेताओं के बीच बैठक से कुछ घंटे पहले कहा कि अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी कई वर्षों से मजबूत हो रही है, लेकिन हम अब रक्षा साझेदारी की अगली पीढ़ी में प्रवेश कर गए हैं।
 
अधिकारी ने कहा कि शिखर बैठक में रक्षा साझेदारी के बारे में 3 महत्वपूर्ण नतीजे निकलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इनमें से एक अभूतपूर्व है, जो जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए है। एफ-414 जेट इंजन का जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) द्वारा संयुक्त रूप से उत्पादन करने के प्रस्ताव का अमेरिका और भारत स्वागत कर रहे हैं। 
 
जीई और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और अमेरिकी संसद द्वारा अधिसूचित किए जाने के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता सौंपा गया है। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि भारत में एफ 414 इंजन का विनिर्माण करने के लिए यह एक पथप्रदर्शक पहल है और यह अमेरिकी जेट इंजन प्रौद्योगिकी के व्यापक स्तर पर हस्तांतरण का मार्ग प्रशस्त करेगा। 
 
अधिकारी ने कहा कि दूसरी चीज जहाज की मरम्मत है। उन्होंने कहा कि अमेरिका नौसेना ने जहाज मरम्मत समझौते किए हैं, जो विभिन्न स्थानों पर अमेरिकी सेना के लिए किफायती और समय बचाने वाली साबित होने वाली है। यह भारतीय शिपयार्ड में अमेरिकी नौसेना के जहाजों को मरम्मत कार्य करने की अनुमति देगी।
 
अधिकारी ने कहा कि और फिर रक्षा नवाचार संबंध भी हैं जिसे 'इंडस एक्स' के नाम से भी जाना जाता है। इसकी शुरुआत 21 जून को की गई, जो यूनिवर्सिटी इनक्यूबेटर थिंक टैंक और निजी निवेश हितधारकों के बीच एक नेटवर्क है। उन्होंने कहा कि यह रक्षा प्रौद्योगिकियों पर संयुक्त नवाचार को बढ़ावा देने जा रहा है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta