Imran Khan News : जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के हजारों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर के नेतृत्व में इस्लामाबाद की ओर मार्च निकाला और इसे वापस लिए जाने की अटकलों को खारिज कर दिया। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने जेल में इमरान खान से मुलाकात भी की।
जेल में बंद 72 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए अंतिम आह्वान किया था। यह आह्वान उन्होंने 13 नवंबर को किया था। खान ने जनादेश की चोरी और लोगों की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी का आरोप लगाते हुए संविधान के 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की थी। संविधान के 26वें संशोधन पर उन्होंने कहा था कि इसने तानाशाही वाले शासन को मजबूत करने का काम किया है।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर और खान की पत्नी बुशरा बीबी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने रविवार को तबाह हो चुके प्रांत से राजधानी पहुंचने के लिए अपनी यात्रा शुरू की थी, लेकिन उन्हें मार्ग में बाधाओं का सामना करना पड़ा।
उन्होंने देश की राजधानी में प्रवेश करने और राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद तथा उच्चतम न्यायालय जैसे महत्वपूर्ण भवनों के करीब डी-चौक पर धरना देने के उनके प्रयास को विफल करने के मकसद से लागू अधिकारियों के कड़े प्रतिरोध के बीच रास्ते में रातभर रुकने के बाद सोमवार को इस्लामाबाद की ओर अपना मार्च फिर से शुरू किया।
पार्टी के अध्यक्ष गोहर खान, खैबर पख्तूनख्वा के सूचना सलाहकार बैरिस्टर सैफ और वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद खान ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में सोमवार को इमरान खान के साथ 90 मिनट तक बैठक की। खान पिछले साल से इसी जेल में बंद हैं।
गोहर ने इमरान खान से मुलाकात को अच्छी बताते हुए मीडियाकर्मियों से कहा, हां, मैंने उनसे मुलाकात की है। गोहर ने कहा कि खान का प्रदर्शन का आह्वान आखिरी है। उन्होंने इसे वापस लिए जाने की अटकलों को खारिज कर दिया। जियो न्यूज की खबर के अनुसार बातचीत के बारे में पूछे जाने पर गोहर ने कहा कि वार्ता जारी है और जल्द ही ताजा जानकारी दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि इस मुलाकात का उद्देश्य खान को इस्लामाबाद में हो रहे प्रदर्शनों के बारे में ताजा घटनाक्रम से अवगत कराना और इस विषय पर उनका दिशानिर्देश प्राप्त करना था। इस बीच, पीटीआई पार्टी के समर्थकों का एक बड़ा जत्था पंजाब के क्षेत्र में घुसने लगा लेकिन अटक ब्रिज, गाजी बरोठा कैनाल और कुछ अन्य स्थानों पर उन्हें पुलिस के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए अधिकारियों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
पुलिस की धरपकड़ के बावजदू विपक्षी नेता उमर अयूब का काफिला पंजाब पुलिस के जवानों को हजारा चौराहे पर पीछे की ओर धकेलने में कामयाब रहा। गंदापुर ने प्रदर्शन के लिए रवाना होने से पहले भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, हमें आगे बढ़ना चाहिए और इमरान खान की रिहाई तक पीछे नहीं हटना चाहिए।
बुशरा बीबी भी भीड़ के साथ थीं, हालांकि पहले उन्होंने घोषणा की थी कि वह विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगी। रविवार को उन्होंने अपनी कार से रास्ते में समर्थकों को संबोधित भी किया और देरी को लेकर निराशा भी जाहिर की। उन्होंने कहा, समय बर्बाद हो रहा है। उन्होंने माइक्रोफोन का इस्तेमाल करते हुए कहा, अपनी गाड़ियों में ही रहें ताकि हम जल्दी से वहां पहुंच सकें।
पीटीआई नेता सनम जावेद खान ने अपराह्न 1.33 बजे एक्स पर एक पोस्ट में अपने काफिले की जानकारी साझा करते हुए लिखा कि वे हासनअब्दाल पहुंच चुके हैं। उनकी पोस्ट के मुताबिक बुशरा बीबी, गंदापुर, बाबर सलीम स्वाति, फैसल जावेद और उमर अयूब खान समेत अनेक नेता इस काफिले में थे।
अधिकारियों ने शिपिंग कंटेनर रखकर राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें हटाने वाले उपकरणों और अन्य भारी मशीनों की मदद से बाधाओं को हटाया, हालांकि इससे प्रदर्शन के दौरान उनकी गति और योजनाएं प्रभावित हुईं।
उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने एक बयान में पीटीआई के बार-बार विरोध प्रदर्शन के आह्वान पर सवाल उठाया तथा इसे देश के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश करार दिया। उन्होंने खेद जताया कि पार्टी हमेशा उस समय विरोध प्रदर्शन का आह्वान करती दिखती है जब वैश्विक हस्तियां पाकिस्तान का दौरा करती हैं, चाहे वह चीन के प्रधानमंत्री की यात्रा हो, एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शिखर सम्मेलन हो या अन्य अवसर हों।
गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने विरोध प्रदर्शन के इरादे से राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को गिरफ्तार करने का संकल्प जताया है। राजधानी इस्लामाबाद ही नहीं बल्कि इसके भीतर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों पर भी अवरोधक लगाए गए हैं और उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
रावलपिंडी पुलिस की आईजे प्रिंसिपल रोड पर पीटीआई कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हुई और लाठीचार्ज के बाद लगभग 60 लोगों को गिरफ्तार किया। पंजाब प्रांत प्रदर्शनकारियों को घुसने से रोकने के लिए किए गए उच्च सुरक्षा उपायों के कारण शेष देश से कटा हुआ है।
इस्लामाबाद में बड़े प्रदर्शन होने के बावजूद पंजाब प्रांत के अनेक हिस्सों में लोगों को रोजमर्रा की चीजें खरीदने में परेशानी हो रही है और स्थानीय नागरिक इस पर निराशा प्रकट कर रहे हैं। पंजाब सरकार ने सोमवार को कहा कि पीटीआई के विरोध प्रदर्शनों के बाद सड़कों को खोल दिया जाएगा।
पीटीआई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने एक बयान में कहा, दर्जनों पीटीआई कार्यकर्ता घायल हो गए हैं और इस्लामाबाद जाते हुए पुलिस के साथ संघर्षों के दौरान 3500 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। खान की सरकार को 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से गिरा दिया गया था जिसके बाद से उन पर अनेक मामले दर्ज किए गए हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour