IMF ने दिया गीता गोपीनाथ को प्रमोशन, कौन हैं और क्या है भारत से उनका कनेक्शन?
गीता गोपीनाथ एक बार फिर से चर्चा में हैं। वे दुनिया के श्रेष्ठ अर्थशास्त्रियों में गिनी जाती हैं। वे भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) की चीफ इकोनॉमिस्ट हैं।
अगले महीने गीता जॉफ्री ओकामोतो की जगह लेंगी और फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बनेंगी। IMF की चीफ क्रिस्तलीना जॉर्जीवा के बाद गीता गोपीनाथ का ही नंबर होगा। इसका मतलब हुआ कि गीता गोपीनाथ अब IMF में नंबर 2 होंगी।
आइए जानते हैं कौन हैं गीता गोपीनाथ और उनका भारत ने क्या कनेक्शन है।2018 में गीता रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बाद IMF की चीफ इकॉनोमिस्ट बनने वाली दूसरी भारतीय बनी थी। इससे पहले वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज और इकॉनमी के जॉन ज्वांस्ट्रा प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थीं।
IMF की पूर्व प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने गीता को दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक कहा था।
गीता ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स दोनों से एमए की डिग्री के बाद 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकॉनमी में पीएचडी की पढ़ाई की।
उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्ट्स प्रोग्राम में अंडरग्रेजुएट की पढ़ाई की हुई है। अपनी पीएचडी पूरी करने के बाद गीता शिकागो यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस में असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं। वह 2005 में हार्वर्ड में पहुंची और बाद में, 2010 में आइवी-लीग इंस्टिट्यूट में प्रोफेसर बनीं।
गीता का जन्म कोलकाता में हुआ था, लेकिन कुछ सालों के बाद उनका परिवार मैसूर आ गया। गीता के पिता चाहते थे कि वह इंजीनियरिंग करें या मेडिकल की फील्ड में जाएं, लेकिन गीता ने इकॉनोमिक्स का रास्ता चुना।
2001 में गीता भारत लौटना चाहती थीं लेकिन उनके मेंटर्स ने उन्हें समझाया। तब से गीता अमेरिका में ही हैं।