हिंदू, बलूच समुदाय ने पाकिस्तान में हिंदू व्यक्ति की गिरफ्तारी की निंदा की
अमेरिका में हिंदू और बलूच समुदायों ने पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में 35 वर्षीय हिंदू व्यक्ति की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और इसमें विदेश विभाग के हस्तक्षेप की मांग की।
चीनी मिट्टी के बर्तनों की दुकान के मालिक प्रकाश कुमार को कथित तौर पर व्हाट्सएप के जरिए ईशनिंदात्मक सामग्री भेजने के आरोप में बुधवार को बलूचिस्तान प्रांत में हब इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। कथित तौर पर ईशनिंदात्मक संदेश भेजने के बाद सही समय पर पुलिस के हस्तक्षेप के कारण उसे भीड़ द्वारा पीट पीटकर मार देने से बचा लिया गया।
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) के वरिष्ठ निदेशक समीर कालरा ने कहा, 'पाकिस्तान के पुराने ईशनिंदा कानूनों को 1986 में संविधान में शामिल किए जाने के बाद से लेकर अब तक हजारों लोगों पर आरोप लगाए गए और उन्हें कैदी बनाया गया। हालांकि चरमपंथी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों और अन्य पाकिस्तानी नागरिकों पर आए दिन हमले करने के बहाने और इसे सही ठहराने के लिए इन प्रावधानों का इस्तेमाल करते हैं।'
कालरा ने कहा, 'एचएएफ प्रकाश कुमार के भविष्य के बारे में अत्यधिक चिंतित है और उसके मामले को लेकर अमेरिका के विदेश विभाग के अधिकारियों के सीधे संपर्क में है।' अमेरिकन फ्रेंड्स ऑफ बलूच की मीडिया रिलेशंस निदेशक जेन ई वीनर ने कहा कि ईशनिंदा के आरोप में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाना बलूचिस्तान में आम नहीं था हालांकि सेना के गढ़ पंजाब में यह आम बात है।
उन्होंने विदेश विभाग से अपील की कि वह पाकिस्तान में कुमार की गिरफ्तारी की निंदा करें और बलूचिस्तान में तथा पाकिस्तान में कहीं भी मानवाधिकारों के उल्लंघन पर कड़ी नजर रखे। एचएएफ ने कहा कि एक अन्य मामले में दक्षिणी सिंध प्रांत के घारों, शहर में रामपीर हिंदू मंदिर पर गत सप्ताह अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था। हमलावरों ने मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्तियों को अपवित्र किया था और उन्हें सीवर में फेंक दिया था।
उल्लेखनीय है कि एक नीति के तहत पाकिस्तान में कट्टरपंथी और सरकार की मिलीभगत से अल्पसंख्यक हिन्दू, बलूच, शिया, अमहदी, ईसाई, बौद्ध और अन्य गैर सुन्नी समाजों को खत्म किया जा रहा है। (भाषा)