सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. golden blood
Written By
Last Updated : शनिवार, 28 अक्टूबर 2017 (18:04 IST)

दुनिया का सबसे दुर्लभ रक्त सिर्फ 43 लोगों में

दुनिया का सबसे दुर्लभ रक्त सिर्फ 43 लोगों में - golden blood
जिनेवा। आपने अभी तक तमाम ब्लड ग्रुप्स के बारे में सुना होगा लेकिन उनमें भी सिर्फ A,B, AB और O ब्लड ग्रुप हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इनके अलावा एक और ब्लड ग्रुप है जो दुनिया में सिर्फ 43 लोगों के पास है। इस ब्लड ग्रुप का नाम 'Rh-null' है। जिसे रिसस नेगेटिव भी कहते हैं।
 
सबसे दुर्लभ रक्त होने के कारण इसे 'गोल्डन ब्लड' के नाम से भी जाना जाता है। जानिए इसमें सबसे अलग क्या है। एक इंसान की बॉडी में एंटीजन के काउंट से उसके ब्लड ग्रुप के बारे में पता चलता है। अगर किसी की बॉडी में ये एंटीजन कम होते हैं तो उसका ब्लड ग्रुप रेयर माना जाता है। 52 सालों में सिर्फ 43 लोगों के पास ही यह ब्लड ग्रुप मिला है।
 
एंटीजन बॉडी में एंटीबॉडी बनाते हैं जो शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से बचाते हैं। जिन लोगों के पास रिसस नेगेटिव ब्लड ग्रुप होता है, वे लोगों को अपना ब्लड देकर उनकी जान बचा सकते हैं। बता दें पिछले 52 सालों में सिर्फ 43 लोगों के पास ही ये ब्लड ग्रुप मिला था। रिसस नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले, दुनिया में किसी भी ब्लड ग्रुप वाले को अपना ब्लड दे सकते हैं।
 
लेकिन इस रक्त को एक स्थान से दूसरे स्थान पर समय पर पहुंचाना बहुत दुष्कर होता है क्योंकि हो सकता है कि जिस किसी व्यक्ति ने रक्त दान किया हो, वह स्विट्‍जरलैंड में हो और जिसे रक्त की जरूरत हो वह फ्रांस में, ऐसे एक अत्यधिक संगठित वैश्विक नेटवर्क से ही लोगों की जान बच सकती है। विदित हो कि रिसस नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले लोगों की लाइफ, नॉर्मल लोगों जैसी ही होती है लेकिन उन्हें अपना ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि जरूरत होने पर इस ब्लड ग्रुप के डोनर मिलने में बहुत परेशानी आती है। 
ये भी पढ़ें
गुजरात चुनाव : कांग्रेस को घोषणा पत्र लाने में लग सकते हैं 15 दिन