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Last Updated :पेरिस , सोमवार, 8 मई 2017 (10:49 IST)

फ्रांस के नए राष्ट्रपति होंगे इमैनुअल मैकरॉन, ले पेन हारीं

France President Emmanuel Macron
यूरोप समर्थक मध्यमार्गी इमैनुअल मैकरॉन ने आज आए प्रथम अनुमान के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है। चुनाव जीतने के बाद मैकरॉन का कहना है कि यह फ्रांस के लिए नए 'उम्मीदों और विश्वास से भरे' अध्याय की शुरुआत है। इस जीत ने 39 वर्षीय निवेश बैंकर के राजनीतिक करियर को बहुत बड़ा बना दिया है। बेहद कम राजनीतिक अनुभव रखने वाले मैकरॉन फ्रांस के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति होंगे।

युवा नेता इमैनुअल मैकरॉन फ्रांस के अगले राष्ट्रपति होंगे। देर रात तक आए आए शुरुआती रुझानों के अनुसार, 65.1 फीसदी वोटों के साथ मैकरॉन की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है। वहीं उनकी प्रतिद्वंद्वी और धुर दक्षिणपंथी मरीन ली पेन को मात्र 34.9 फीसदी वोट ही मिले। पेन ने रुझानों को देखते हुए मैकरॉन को जीत की बधाई भी दे दी। हालांकि अभी चुनाव परिणाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। राष्ट्रपति चुनने के लिए रविवार को मतदान हुआ था।गृह मंत्रालय ने कहा कि शाम पांच बजे तक 65.30 फीसदी मतदान दर्ज हुआ, जो 2012 से 6.6 फीसदी कम रहा।
 
सर्वेक्षणों में मैकरॉन को 62 और ली पेन को 38 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई थी। दोनों ही दल मुख्य धारा के राजनीतिक दलों सोशलिस्ट, रिपब्लिकन को पछाड़ कर दौड़ में आगे निकले हैं। पिछले दो साल में कई आतंकी हमलों को देखते हुए करीब 50 हजार सुरक्षाकर्मियों को चुनाव ड्यूटी पर लगाया गया।
 
राष्ट्रपति ओलांद ने रविवार सुबह तुले शहर में वोट डाला। मैकरॉन ने पत्नी ब्रिगेट के साथ ली तोउकेत शहर और ली पेन ने हेनिन-बेउमोंट शहर में मतदान किया। मतदान के एक दिन पहले शनिवार को मैकरॉन के प्रचार अभियान में जबरदस्त हैकिंग सामने आई थी। इसने अमेरिकी चुनाव में हिलेरी क्लिंटन के कैंपेन में सेंधमारी की याद दिला दी। हालांकि राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को भरोसा दिलाया है कि हैकिंग में रूस का कोई हाथ नहीं है।
 
पूर्व बैंकर मैकरॉन ने महज पांच साल पहले राजनीति में कदम रखा। दो साल राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ काम करने के बाद उन्होंने पिछले साल एन मार्श नाम से पार्टी बनाई और कुछ माह में छा गए। यूरोपीय संघ के देश मैकरॉन के जीतने की दुआ कर रहे थे। फ्रांस जर्मनी के बाद समूह की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
 
फ्रांस के बाद ब्रिटेन में 8 जून को और जर्मनी में 24 सितंबर को चुनाव होने हैं। फ्रांस में बेरोजगारी दस फीसदी के स्तर पर है। आलम यह है कि 25 साल से कम उम्र का हर चौथा शख्स बेरोजगार है। 2008 की मंदी से अर्थव्यवस्था उबर नहीं पाई है। दो साल में ताबड़तोड़ आतंकी हमलों से असुरक्षा की भावना चरम पर है।

मैकरॉन ने कहा, 'आज रात हमारी लंबे इतिहास के एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। मैं चाहता हूं कि यह आशा और नए विश्वास का अध्याय हो।' चुनाव में मिली हार स्वीकार करते हुए ले पेन ने इसे 'ऐतिहासिक परिणाम' बताया और मैकरॉन को जीत पर बधाई दी।
 
एक बयान में ले पेन ने कहा कि उन्होंने मैकरॉन को जीत पर बधाई देने के लिए फोन किया था। उन्होंने मैकरॉन के समक्ष मौजूद 'बड़ी चुनौतियों' से निपटने में उनकी 'सफलता' की कामना की। गौरतलब है कि राजनीति की दुनिया के लिए तीन साल पहले तक बेहद अनजान चेहरा आज की चुनावी जीत के बाद यूरोप का सबसे शक्तिशाली नेता बनकर उभरा है। इस जीत के साथ ही अब मैकरॉन के समक्ष फ्रांस और यूरोपीय संघ के राजनीतिक और आर्थिक सुधार का बेहद महत्वकांक्षी और महत्वपूर्ण एजेंडा है।
 
इस चुनाव परिणाम का पूरी दुनिया पर असर होगा। विशेष रूप से ब्रसेल्स और बर्लिन ने आज रात राहत की सांस ली क्योंकि ले पेन की हार के साथ ही उनके यूरोपीय संघ विरोधी और वैश्वीकरण विरोधी अभियानों की हार हो गई है।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने ट्वीट में कहा, 'फ्रांस के अगले राष्ट्रपति के रूप में आज मिली बड़ी जीत पर इमैनुअल मैकरॉन को बधाई। मैं उनके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं।'
 
मैकरॉन को बधाई देने वाले पहले कुछ नेताओं में शामिल ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे की ओर से डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा, 'प्रधानमंत्री निर्वाचित राष्ट्रपति मैकरॉन को उनकी चुनावी जीत पर बधाई देती हैं।' उन्होंने कहा, 'फ्रांस हमारा करीबी सहयोगी है और हम नये राष्ट्रपति के साथ काम करने को बहुत उत्सुक हैं।' (भाषा)