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Last Updated : शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2014 (16:01 IST)

क्या वाकई सच बोलता है चेहरा..?

क्या वाकई सच बोलता है चेहरा..? - face
एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि हम लोग चेहरे की विशेषताओं या लक्षणों को देखकर लोगों के बारे में निष्कर्ष निकालते हैं जो कि हमेशा सही नहीं होते हैं। हम ऐसा मानते हैं कि जो लोग स्त्रैण चेहरे वाले या खुश मिजाज दिखने वाले चेहरों को हम अधिक भरोसे के लायक समझते हैं
 
अगर किसी व्यक्ति का माथा अधिक चौड़ा और नाक दिक उभरी हुई हो तो हम उस व्यक्ति को अधिक सक्षम मानते हैं। बच्चों जैसे चेहरे वाले लोगों को या जिनका चेहरा गोलाकार होता है और आंखें बड़ी-बड़ी होती हैं, ऐसे लोग हमें अक्षम प्रतीत होते हैं। हंसते हुए चेहरे के उभरे हुए चीकबोंस को हम ईमानदारी का प्रतीक मानते हैं। 
 
एक रिसर्च से इस बात की जानकारी मिली है कि हम चेहरे की विशेषताओं के आधार पर, चेहरे के आकार और नैन-नक्श के आधार पर निष्कर्ष निकाल लेते हैं। उदाहरण के लिए माना जाता है कि जो लोग स्वाभाविक तौर पर खुश या स्त्रैण स्वभाव के होते हैं उन्हें हम अधिक भरोसेमंद पाते हैं। लेकिन जब आपका चेहरा, मजबूत, परिपक्व दिखता है तो आपका निर्णय उल्टा हो जाता है। सक्षमता, प्रभुत्व और मित्रवत होने को भी हम चेहरे के विशिष्ट आकार-प्रकार से जोड़ते हैं और इसके लिए जरूरी है कि आपका मस्तक बड़ा हो, नाक उपर की ओर उठी हुई हो और ठोड़ी मजबूत हो। 
 
क्या कहते हैं शोध के निष्कर्ष... पढ़ें अगले पेज पर....
 

पर कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि चेहरे को पढ़ने की प्रक्रिया से व्यक्ति के बारे में राय बना लेने की बात गलत और उतावली से भरी हो सकती है। इस बारे में यूनिवर्सिटी के टेपर स्कूल ऑफ बिजनेस, पैंसिलवानिया के प्रमुख डॉ. क्रिस्टोफर ओलिवोला का कहना है कि हालांकि हम यह सोचते हैं कि हमारे नतीजे और चयन पूरी तरह से विवेकपूर्ण, पक्षपातरहित, सामंजस्य और पूरी तरह से सार्थक जानकारी पर आधारित हों लेकिन सच तो यह है कि हमारे फैसले अक्सर ही सतही और असंगत कारणों पर आधारित होते हैं।
 
अक्सर ही हमारे फैसले इन बातों पर आधारित होते हैं। अगर हम गोलाकार चेहरे के साथ बड़ी आंखें, छोटी नाक और ठोड़ी देखते हैं या चेहरा बच्चे जैसा होता है तो हम मानते हैं, व्यक्ति अक्षम है। पर अगर बड़े माथा और परिपक्व चेहरा तथा नाक अच्छी तरह से उभरी हो तो हम इसे सक्षमता की निशानी मानते हैं। इसी तरह चौड़ी आंखें, छोटी नाक और ऊंची भौंहें हों तो हम इन्हें निष्क्रियता की निशानी समझते हैं। पर अगर अलग जॉबोन्स (जबड़े की हड्डियों) के साथ चेहरा मर्दाना हो तो हम इसे प्रभावी होने का प्रतीक मानते हैं। 
 
इन चेहरों के बारे में क्या धारण है आपकी... पढ़ें अगले पेज पर...
 

अगर लम्बे चेहरे के साथ छोटी-छोटी आंखें हों और यह दुखी दिखाई देता है तो हम इस चेहरे को अंतर्मुखी समझते हैं लेकिन अगर चेहरा गोल हो, चेहरा मित्रवत हो और गालों की हड्‍डियां उभरी हों तो यह बहर्मुखी चेहरा बन जाता है। जिन लोगों की गालों की हड्‍डियां धंसी हुई हों, आंखें मिली हुईं जान पड़ती हों और माथे पर शिकन स्पष्ट दिखती हों तो ऐसे चेहरे वालों को अविश्वसनीय और बेइमान समझते हैं। पर अगर चेहरा मुस्कराता हुआ हो, भौंहें ऊंची हों और गालों की हड्डियां उभरी हुई हों तो ऐसे लोगों को हम भरोसेमंद या इमानदार मानते हैं।                       
 
शोधकर्ताओं का कहना है कि बराक ओबामा का चेहरा सक्षम दिखाई देता है और ऐसे लोग चुनाव जीत जाते हैं,  लेकिन सारा पॉलिन जैसे चेहरे कम सक्षम‍ दिखाई देते हैं। जो लोग सक्षम दिखाई देते हैं उन्हें कंपनियों में बड़ी और सफल कंपनियों में आसानी से काम मिलता है। इसी तरह से, एक प्रभावी और मर्दाना चेहरा सेना में ऊंचा रैंक पाने वाले अफसरों की निशानी मानी जाती है।