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Last Modified: मंगलवार, 23 जुलाई 2019 (12:24 IST)

अमेरिकी सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान को बताया बचकानी हरकत, मांगी माफी

अमेरिकी सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान को बताया बचकानी हरकत, मांगी माफी - Donald Trump American MP Democratic MP
वॉशिंगटन। कश्मीर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘अटपटी' टिप्पणी के लिए एक डेमोक्रेटिक सांसद ने अमेरिका में भारत के राजदूत से मंगलवार को माफी मांगी जबकि कई अन्य सांसद इस मुद्दे पर तीसरे पक्ष की भूमिका के खिलाफ भारत के रुख के समर्थन में सामने आए। सांसद ब्रैड शरमन ने ट्वीट किया कि मैंने अभी-अभी भारतीय राजदूत हर्ष श्रृंगला से ट्रंप की अटपटी एवं बचकानी गलती के लिए माफी मांगी है।
 
इससे कुछ ही समय पहले ट्रंप ने चौंकाने वाला दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने या मध्यस्थ बनने को कहा था। हालांकि भारत ने फौरन इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था।
 
पिछले 70 साल से भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के प्रस्ताव का लगातार विरोध करता आया है और एक दशक से भी ज्यादा वक्त से अमेरिका दोहराता रहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है।
 
शरमन ने ट्वीट किया कि जो कोई भी दक्षिण एशिया में विदेश नीति के बारे में कुछ भी जानता है उसे पता है कि भारत कश्मीर में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का लगातार विरोध करता रहा है। हर कोई जानता है कि प्रधानमंत्री मोदी इस तरह का सुझाव कभी नहीं दे सकते।
 
एशिया, प्रशांत एवं परमाणु अप्रसार पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति के प्रमुख शरमन ने कहा कि ट्रंप का बयान बचकाना एवं भ्रामक है। और अटपटा भी। प्रधान सहायक उपमंत्री एलिस वेल्स ने ट्वीट कर कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है।
 
उन्होंने ट्वीट किया कि कश्मीर दोनों पक्षों के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है और ट्रंप प्रशासन चाहता है कि भारत और पाकिस्तान इस पर बात करें और अमेरिका सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार है। ट्रंप की टिप्पणी के बाद विदेश मामलों पर सदन की समिति के प्रमुख सांसद इलियट एल एंजेल ने श्रृंगला से बात की।
 
विदेश मामलों पर सदन की समिति द्वारा जारी एक बयान में कहा कि एंजेल ने कश्मीर विवाद पर अमेरिका के पुराने रुख के प्रति अपना समर्थन यह कहते हुए जताया कि वे भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता का समर्थन करते हैं लेकिन इस बात पर कायम रहें कि वार्ता की रफ्तार एवं संभावना केवल भारत और पाकिस्तान द्वारा ही निर्धारित की जा सकती है। (भाषा)