यूएई। सऊदी अरब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पहली बार एक साथ नजर आए हैं। ट्रंप अपनी पहली विदेश यात्रा के पहले पड़ाव के तहत सऊदी अरब पहुंचे हुए हैं, जहां उन्होंने पहले 'अरब इस्लामिक-अमेरिकी समिट' को संबोधित किया।
इस समिट में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत 55 मुस्लिम देशों के नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। शरीफ के साथ पाकिस्तानी विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी सऊदी गए हैं। वहीं पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो टीवी ने दावा किया है कि रविवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सऊदी पहुंचे, जहां वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले। हालांकि अभी तक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और शरीफ की मुलाकात की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
जियो टीवी का यह भी दावा है कि रियाद के किंग अब्दुल अजीज कांफ्रेंस सेंटर में आयोजित समिट से पहले दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया। इस बीच ट्रंप ने कहा कि वे पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात करके बेहद खुश हैं। इसके जवाब में शरीफ ने कहा कि उनको भी इस मुलाकात से बेहद खुशी हुई है।
शरीफ के सऊदी रवाना होने से पहले पाकिस्तानी मीडिया ने कहा था कि पाकिस्तानी पीएम और डोनाल्ड ट्रंप के बीच समिट से इतर मुलाकात होगी। इस बीच शरीफ ट्रंप के सामने कश्मीर राग अलापेंगे, लेकिन अभी तक दोनों नेताओं के बीच हाय-हैलो के अलावा कोई खास बातचीत नहीं हुई है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान ने इस मुलाकात के लिए सऊदी अरब से विशेष अपील की थी। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर दोनों नेताओं की मुलाकात पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी पीएम के सऊदी जाने का मकसद समिट में हिस्सा लेने से ज्यादा अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करने का है। इससे पहले दोनों नेताओं ने फोन पर बातचीत की थी।
पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ सऊदी पहुंचे। वहां पहुंचने पर किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज ने उनका स्वागत किया। पाकिस्तानी न्यूज चैनल ने बताया कि नवाज शरीफ के साथ विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज, वकील अकरम शेख, प्रतिनिधिमंडल, सरकारी अधिकारी और मीडियाकर्मी गए हैं।
समिट में पाकिस्तानी पीएम ने ट्रंप की तारीफ में कसीदे पढ़े। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात तो कही, लेकिन भारत में आतंकवाद के निर्यात पर चुप्पी साधे रखी। पहले अरब इस्लामिक-अमेरिकी समिट में 55 मुस्लिम देश के नेताओं ने शिरकत की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने समिट को संबोधित करते हुए मुस्लिम जगत के नेताओं से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने को कहा।
ट्रंप ने कहा कि आतंकवादी ईश्वर की पूजा नहीं करते हैं, वे मौत की पूजा करते हैं। यह अलग-अलग धर्म के बीच की लड़ाई नहीं है। यह अच्छाई और बुराई के बीच की लड़ाई है। ऐसे में प्रत्येक देश की जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसकी जमीन पर आतंकियों को पनाह न मिले। आतंकी संगठन किसी तरह की प्रेरणा नहीं देते हैं, बल्कि हत्याएं करते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ मुस्लिम देशों से एकजुट होने को कहा। उन्होंने कहा कि अमेरिका आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ लड़ाई में मुस्लिम देशों के साथ खड़ा है, लेकिन इस लड़ाई का नेतृत्व उनको ही करना होगा।
इस बीच ट्रंप ने ईरान को अलग-थलग करने की भी अपील की। उन्होंने मुस्लिम जगत के नेताओं से कहा कि वे ईरान को अलग-थलग कर दें। ट्रंप ने ईरान पर सीरिया, यमन और इराक में हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।