डोनाल्ड ट्रंप जाएंगे सऊदी अरब
वॉशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप के एक शीर्ष मुस्लिम समर्थक ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में सऊदी अरब जाने का फैसला करना ट्रंप की इस प्रबल इच्छा को दर्शाता है कि वे इस्लामी जगत के साथ मजबूत संबंध कायम करना चाहते हैं और कट्टरपंथी आतंकवादियों को हराने के लिए मुसलमान नेताओं के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।
ट्रंप के एक पाकिस्तानी अमेरिकी समर्थक साजिद तारड़ ने कहा कि सऊदी अरब की यात्रा करने का ट्रंप का निर्णय यह दर्शाता है कि वे इस्लाम के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवादियों के खिलाफ हैं।
‘मुस्लिम अमेरिकन्स फॉर ट्रंप’ के संस्थापक तारड़ ने कहा कि वे सऊदी अरब से अपनी पहली यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। यह बड़ी बात है। यह उनकी (मुस्लिम जगत के साथ संबंध सुधाने की) इच्छा को दर्शाता है।
तारड़ उन कुछ चयनित धार्मिक नेताओं में शामिल थे जिन्हें रोज गार्डन में राष्ट्रपति के ‘नेशनल प्रेयर डे’ संबोधन के लिए गुरुवार को व्हाइट हाउस ने आमंत्रित किया था जहां ट्रंप ने इस बात की घोषणा की थी कि अपनी पहली विदेश यात्रा की शुरुआत सऊदी अरब से करेंगे।
तारड़ ने कहा कि यह बहुत सकारात्मक संकेत है कि वे सऊदी अरब से शुरुआत करेंगे और उसके बाद इस्राइल जाएंगे। यह आईएसआईएस से लड़ने, पश्चिम एशिया में बदलाव लाने की उनकी इच्छा और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने अपनी मुहिम में बार बार कहा था कि वे यह जानना चाहते हैं कि नफरत कहां से आ रही है। जारी
तारड़ ने इस बात पर दु:ख जताया कि मुस्लिम जगत के नेता कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ कोई बहुत सकारात्मक भूमिका नहीं निभा रहे हैं। ट्रंप की चुनाव प्रचार मुहिम में उन्हें समर्थन देने वाले कुछ मुस्लिम अमेरिकियों में शामिल तारर ने कहा कि सऊदी अरब की यात्रा करने का अमेरिका के राष्ट्रपति का फैसला दर्शाता है कि इस्लाम के खिलाफ उनमें नस्लवाद की भावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि अपनी प्रचार मुहिम में उन्होंने लगातार कहा कि वे धर्म के खिलाफ नहीं है। वे आतंकवाद के खिलाफ हैं। पूर्ववर्ती प्रशासन पिछले 8 वषरें में यह मानने से हिचकिचाता रहा कि कट्टरपंथी एक खतरा हैं। वे इसे नजरअंदाज कर रहे थे। राष्ट्रपति के रूप में इस माह अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत ट्रंप सऊदी अरब, इस्राइल, वैटिकन, इटली और ब्रसेल्स जाएंगे। (भाषा)