डार्विन के सिद्धांत का रहस्य खुला
लंदन। वैज्ञानिकों ने 5.17 करोड़ वर्ष पुराने एक आनुवांशिक रहस्य के सिद्धांत का खुलासा किया है, जिसकी परिकल्पना अंग्रेज प्रकृतिवादी चार्ल्स डार्विन ने आज से करीब 150 वर्ष पहले की थी। अनुसंधानकर्ताओं ने प्रिमुला फूल में मौजूद प्रजनन क्षमता के लिए जिम्मेदार जीन समूह की पहचान की है।
डार्विन की परिकल्पना थी कि कुछ पौधों की प्रजातियों में दो अलग-अलग तरह के फूल आते हैं, जिसमें नर और मादा प्रजनन अंग भिन्न आकार के होते हैं और कीट-पतंगों के जरिए इनका परागण होता है।
अब ब्रिटेन के ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने उनकी परिकल्पना की पुष्टि करते हुए इस बात की पहचान की है कि इस प्रक्रिया में कौन-सा अंग हिस्सा लेता है। इस अध्ययन का प्रकाशन नेचर प्लांट्स जर्नल में हुआ है। (भाषा)